संजीवनी ज्ञानामृत। आत्मभाव” का प्रयास करिए, इससे आसपास की रूखी, उपेक्षणीय, अप्रिय वस्तुओं का रूप बिलकुल बदल जाएगा। विज्ञ लोग कहते हैं कि अमृत छिड़कने […]
भागवत कथा
संजीवनी ज्ञानामृत। “आतुरता” और “अधीरता” की बुराई मनुष्य को बुरी तरह परेशान करती है। प्रायः हमें हर बात में बहुत जल्दी रहती है, जिस कार्य […]
संसार में दो प्रकार के मनुष्य होते हैं, एक वे जो “शक्तिशाली” होते हैं, जिनमें “अहंकार” की प्रबलता होती है। शक्ति के बल पर वे […]
संजीवनी ज्ञानामृत। मनुष्य कितना दीन-हीन, स्वल्प शक्ति वाला, कमजोर है । यह प्रतिदिन के जीवन से पता चलता है । उसे पग-पग पर परिस्थितियों के […]
संजीवनी ज्ञानामृत:- हम कितना भी भजन कर लें, ध्यान कर लें लेकिन हमारा संग अगर गलत है तो सुना हुआ, पढ़ा हुआ, और जाना हुआ […]
संजीवनी ज्ञानामृत :-“सत्य” भाषण वाणी का तप है, इससे “वाक सिद्धि” जैसी विभूतियाँ प्राप्त होती है, इसलिए सत्य भाषण का हर किसी को अभ्यास करना […]
संजीवनी ज्ञानामृत| “आत्मा” अनंत शक्तियों का भंडार होती हैं। संसार की ऐसी कोई भी शक्ति और सामर्थ्य नहीं, जो इस भंडार में न होती हो। […]
संजीवनी ज्ञानामृत| अपनी हर एक बाह्य परिस्थिति की जिम्मेदारी दूसरों पर मत डालिए, वरन् अपने ऊपर लीजिए। दुनिया को दर्पण के समान समझिए जिसमें अपनी […]
“शिष्टाचार” का मूल मंत्र है-“अपनी नम्रता और दूसरों का सम्मान” इस कसौटी पर जो जितना खरा उतरता है उसे उतना ही सभ्य-सुसंस्कृत समझा जायेगा। जो […]
अहंकार” के कारण न केवल मनुष्य जाति हिंसा तथा विनाश का शिकार हुई है बल्कि उसके कारण मनुष्य का नैतिक पतन भी हुआ है । […]
“सत्य” सदैव कल्याणकारी तथा शक्तिदायक होता है। सीधी-सच्ची और सही बात कह देने से मनुष्य की बहुत कम हानि होने की संभावना रहती है। ठीक […]
संपूर्ण मनुष्य जाति एक ही सूत्र में बंधी हुई है । विश्वव्यापी जीव तत्व एक है । आत्मा सर्वव्यापी है । जैसे एक स्थान पर […]
प्रसन्नता” संसार का सबसे बड़ा सुख है। जो प्रसन्न है, वह सुखी है और जो सुखी है, वह अवश्य प्रसन्न रहेगा। जिसके जीवन से प्रसन्नता […]
परिवार के प्रति हमें सच्चे अर्थों में कर्त्तव्यपरायण और उत्तरदायित्व निर्वाह करने वाला होना चाहिए। आज मोह के तमसाच्छन्न वातावरण में जहाँ बड़े लोग छोटों […]
“शरीर की स्वस्थता,” “मन का संतुलीकरण,” “परिवार की सुसंस्कारिता,” पुण्य-परमार्थ का संपादन,” “समाजगत सुव्यवस्था” आदि विषयों पर मनुष्य को आवश्यक ध्यान देना चाहिए और ठीक […]