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सामाजिक व लोकतांत्रिक ताना-बाना खतरे में,भाजपा की केंद्र सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को किया ध्वस्त | अशोक मानव

आरा / भोजपुर | बितेदिनों 19 मई को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरा में लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान से जुड़े लोगों ने लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर शहर में अभियान के दौरान कलक्टरी तालाब के किनारे एक सभा आयोजित किया गया |

सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक मानव ने कहा कि देश के सामाजिक- लोकतांत्रिक ताना-बाना खतरे में है। भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है, आपको बता दें कि 1952 की सर्वसेवासंघ वाराणसी की 14 एकड़ जमीन पर बनी 20 बिल्डिंगें को जबरन जमींदोज कर अडानी को देने के फ़िराक में है। सरकारी जांच एजेंसियों का उपयोग हथियार के तौर पर विपक्षी दलों के लिए खिलाफ हो रहा है भारतीय जनता पार्टी ने इलेक्टोरल बौंड के जरिये पाकिस्तान और गौ हत्यारों से पैसा लिया।

कोविड भएक्सिन कम्पनी से चन्दा लेकर देश की जनता को जानलेवा इंजेक्सन दे दिया इस कारण अब लोग धीरे धीरे मर रहे हैं। सरकार पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों और सामाजिक कार्यकताओं को जेल भेज रही है। इसके साथ ही अशोक मानव ने आगे आरा में आरके सिंह के काम-काज का ब्यौरा सामने रखते हुए कहा कि उन्होंने अपने दस साल के कार्यकाल में एक भी काम नही कराया। सिर्फ जो काम हो रहा है उसकी निगरानी और उद्वघाटन करने का काम किया है। मीडिया के माध्यम से अपनी छवि चमकाते रहे। आज यहाँ की आम जनता जब उनसे उनके काम का ब्यौरा मांग रही है तो वे तिलमिला कर अभद्र, अश्लील व्यक्तव्य दे रहे है। यहां के किसानों के प्रति सांसद का बिल्कुल उदासीन और रुख रहा है। उन्होंने नहर की पक्कीकरण अपने कार्यकाल में करवाने के लिए बोला था।ऐसा कुछ नही किया है, जिससे उनको जनता फिर चुने। मानव ने कहा कि यदि वे बेईमानी नही करते तो उनकी जीत 2019 में भी नही होती। इस बार भी बेईमानी करने के लिए उन्होंने बड़े पैमाने पर सारे जतन कर लिए है। लेकिन जनता ने कमर कस लिया है।

केंद्र सरकार की किसानों के खिलाफ बिल पास कर के अपना परिचय दे चुकी है। मानव ने रंगकर्मी और खिलाड़ियों के प्रति सरकार की बेरुखी पर सवाल उठाया। कहा कि खिलाड़ियों व रंगकर्मियों को रेलवे में कनशेसन मिलना बंद हो गया। जिसके चलते इससे जुड़े बड़े आयोजन नही हो पढ़े हैं। खिलाड़ियों के लिए सरकार और यहां के सांसद ने कोई व्यवस्था नही की। आरा में रंगकर्मीयों के लिए कोई जगह नहीं है जहां पर रंगकर्मी रिहर्सल कर सके। वहीं पेंटिंग के कलाकारों के लिए कला दीर्घा नहीं है।अशोक मानव ने कहा की हर तरफ से आरके सिंह भोट लेने का हक खो दिए हैं।

सभा मे सुदामा प्रसाद के इतिहास को रखते हुए कहा कि 46 वर्षो का इनका संघर्ष पूर्ण रहा है। आप इन्हें भारी मतों से जिताये। सभा मे शहर के बुजुर्ग, प्रोफेसर, अधिवक्ता, रंगकर्मी, खिलाड़ी, कई तरह के कलाकार सैकड़ों की संख्या उपस्थित थे। जिसमें अनिल तिवारी (दीपू), संजय पाल, साहेब लाल, लड्डू भोपाली, मो• चांद, प्रो श्रीराम ओझा, सुशील कुमार, बिजय मेहता, निर्मल सिंह, लक्षमण पांडे,मो मोहम्मद फेकू, सुशील सिंह, श्याम शर्मिला, मनोज सिंह, लालमोहर राय, रोहित पांडे, मुक्ति यादव,वार्ड पार्षद लल्लू जी आदि उपस्थित थे।