मणिपुर में फिर से लागू हुआ ‘प्रोटेक्टेड एरिया परमिट’, विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी
मणिपुर में सुरक्षा कारणों से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘प्रोटेक्टेड एरिया परमिट’ (PAP) प्रणाली को फिर से लागू कर दिया है। इसके तहत, मणिपुर में आने वाले विदेशियों को अब संरक्षित क्षेत्र परमिट (PAP) प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह आदेश पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों के कारण उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
क्या है ‘प्रोटेक्टेड एरिया परमिट’?
‘प्रोटेक्टेड एरिया परमिट’ विदेशी नागरिकों के लिए विशेष अनुमति होती है, जो भारत के कुछ संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रा करने के लिए आवश्यक होती है। मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम जैसे राज्य इस व्यवस्था के अंतर्गत आते हैं, ताकि इन क्षेत्रों में सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार ने दी चेतावनी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए इस निर्णय को लागू किया। साथ ही, मणिपुर सरकार ने हाल ही में एक संदिग्ध संगठन द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई चेतावनी का भी संज्ञान लिया। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे भ्रामक संगठनों के बयानों से बचें और उनकी मंशा पर सवाल उठाएं।
मणिपुर में उग्रवादी गतिविधियाँ
इस बीच, मणिपुर के इंफाल पूर्व जिले में सुरक्षा बलों ने दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के ठिकानों का भंडाफोड़ किया है। इन ठिकानों से बड़ी मात्रा में हथियार और सामान बरामद किया गया है। पुलिस ने जबरन वसूली के आरोप में एक उग्रवादी संगठन के नौ कैडरों को भी गिरफ्तार किया है।
निष्कर्ष
मणिपुर में सुरक्षा हालात को मद्देनजर रखते हुए ‘प्रोटेक्टेड एरिया परमिट’ की फिर से वापसी ने यह साबित कर दिया है कि राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी आवश्यक है। सरकार ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और सभी संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान रखने का आग्रह किया है।