पटना/बिहार | राजद के राज्यसभा सांसद श्री संजय यादव ने राज्यसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से बिहार देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। सबसे अधिक युवा आबादी वाला प्रदेश है। बिहार में 15 वर्षों से अधिक NDA और दिल्ली में 10 वर्षों से एनडीए की डबल इंजन सरकार है। NDA सरकार ने बिहार को गरीबी, पलायन और बेरोज़गारी का केंद्र बना दिया। बिहार प्रति व्यक्ति आय में देश में सबसे निचले पायदान पर है। किसानों की प्रति व्यक्ति आय में बिहार देश में 28वें नंबर पर है। देश में गरीबी भी बिहार राज्य में सबसे अधिक है।
बिहार को स्पेशल स्टेटस, स्पेशल पैकेज और स्पेशल अटेंशन की सबसे अधिक आवश्यकता थी लेकिन बीजेपी ने हस्तिनापुर की गद्दी के लिए पाटलिपुत्र से अधिकतम समर्थन तो ले लिया लेकिन बिहार को न्यूनतम समर्थन भी नहीं दिया।
वित्त मंत्री ने बिहार में ना तो कोई उद्योग लगाने का ज़िक्र किया। ना कोई इंडस्ट्री क्लस्टर लगाने की चर्चा है। कपड़ा मंत्री बिहार से है लेकिन फिर भी “पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क योजना” अंतर्गत बिहार को एक भी टेक्सटाइल पार्क नहीं मिला वहीं दूसरी ओर देश के दूसरे अन्य सात राज्यों को यह प्रोजेक्ट मिले।
बजट में बिहार में कोई नई ट्रेन शुरू करने का भी ज़िक्र नहीं है। बिहार में 2004 से 2009 के बीच जब आदरणीय लालू प्रसाद जी रेल मंत्री थे तब उन्होंने हज़ारों करोड़ की लागत से बिहार में तीन बड़े रेल कारख़ानों की स्थापना की थी। लेकिन NDA के बीते 10 वर्षों में बिहार में एक भी कारख़ाना नहीं लगा।
केंद्र सरकार ने बिहार में कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कुछ भी नया नहीं दिया? बिहार के फल और सब्ज़ी उत्पादकों एवं किसानों को वैश्विक बाजार देने के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। बिहार के सुप्रसिद्ध दुग्ध उत्पादों, मखाना, मक्का, आम, लीची, केला इत्यादि को प्रमोट करने के लिए बजट में कोई प्रावधान और आँवंटन नहीं किया गया है।
बिहार की बंद चीनी मिलों को शुरू करने का कोई ज़िक्र नहीं है लेकिन विगत सभी चुनावों में ये बिहार की बंद चीनी मिलों को खुलवाने के दावे और वादे करते रहे है लेकिन सरकार में आने के बाद ये सब भूल जाते है।
इनकी रंगीन फ़ाइलों में आपको किसानों का जीवन सुनहरा नज़र आता है लेकिन वास्तव में वो black and white और कोरा ही कोरा है।
राजद सांसद संजय यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य का रिश्ता दीया और बाती तथा अंकुर और माटी का होता है। बिहार ने NDA को अधिकतम संसद दिए है इसके बावजूद मोदी सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल में भी बिहार को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।