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चुनाव परिणाम के बाद मनाया संकल्प दिवस, चुनावी वायदों को लेकर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया/ प्रतिमाओं पर किया गया माल्यार्पण।

भोजपुर/बिहार। भाकपा-मालेे ने बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुर जिले के दो सीटों से अपनी जीत दर्ज की और एक सीट पर कड़ी चुनौती दी। आज माले ने चुनाव के दौरान किए गए वायदों पर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। इस मौके पर क्रांति पार्क में स्थित जगदीश मास्टर, रामनरेश राम,  रामेश्वर अहीर, जौहर और का. विनोद मिश्र की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। 
उसके बाद करमनटोला स्थित शहीदेआजम भगत सिंह की प्रतिमा, कलेक्टेरियट स्थित अंबेडकर की मूर्ति और जेपी स्मारक व विश्वविद्यालय कैंपस में मौजूद वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए इनकी संघर्षों की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। इन कार्यक्रमों में भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, केंद्रीय कमेटी सदस्य और जिला सचिव का. जवाहरलाल सिंह, केद्रीय कमेटी सदस्य और लोकसभा के पूर्व माले प्रत्याशी के साथ-साथ अगियांव विघानसभा और तरारी विधानसभा से विजयी माले प्रत्याशी का. मनोज मंजिल और सुदामा प्रसाद, आरा विधानसभा के माले-महागठबंधन प्रत्याशी का. क्यामुद्दीन अंसारी समेत कई नेता-कार्यकर्ता शामिल थे।
क्रांति पार्क में लोगों को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव का. जवाहरलाल सिंह ने कहा कि चुनाव के बाद हमारे विधायक महागठबंधन के 25 सूत्री संकल्प पत्र के अनुरूप जनता के आंदोलन को तेज करने में लगेंगे। वे विधानसभा के अंदर ही नहीं, बाहर भी जनता के बुनियादी मुद्दों पर संघर्ष जारी रखेंगे। सरकार कोई भी बने उसको बेरोजगार नौजवानों, किसानों, गरीबों के अधिकारों को रौंदने नहीं दिया जाएगा। सामाजिक-आर्थिक बराबरी, रोजगार, न्याय और समानता के अधिकारों से हाथ खींच लेने वाले एनडीए गठबंधन ने एक दर्जन से अधिक सीटों को मैनेज किया है। जनमत को इस सरकार ने हड़पने का काम किया है। इसके बावजूद इस चुनाव ने यह दिखा दिया है कि जनता सरकार के खिलाफ है। 
शहीदे आजम भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद का. कयामुद्दीन अंसारी ने कहा कि आरा में हम मामूली अंतर से पीछे रहे । रिकाउंटिंग से इनकार कर देना दरअसल इस सरकार की शिकस्त है। पूरे जिले में जो परिणाम आए हैं, वे सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ हैं। आरा विधानसभा में भी लगभग सत्तर हजार लोगों ने सत्ता की जनविरोधी और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ वोट किया है। हम उन्हें साथ लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।
 अंबेडकर की प्रतिमा के पास और जेपी स्मारक पर मनोज मंजिल ने कहा कि माले के विधायक भगतसिंह, अंबेडकर और रामनरेश राम जैसे क्रांतिकारियों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। विधायक होकर भी जनता की लड़ाई को किसी हाल में न छोड़ेंगे। नौजवानों के रोजगार के सपनों के साथ धोखा देने वालों के साथ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। रोहित वेमुला, गोंविद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर की शहादत को हम नहीं भूलेंगे। जनता की आकांक्षा और उम्मीदों को कैसे साकार किया जा सकता है, यह हम दिखाएंगे। समानता, न्याय और लोकतांत्रिक हक-अधिकार की लड़ाई को कोई सरकार किसी तिकड़म के जरिए खत्म नहीं कर सकती। रामनरेश राम की विरासत हमारे साथ है। उसे लेकर हम भोजपुर को जनप्रतिनिधित्व का एक बेहतर माॅडल बनाएंगे।
जेपी स्मारक पर ही तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि अब तक विधानसभा में माले के सिर्फ तीन विधायक थे, जिन्होंने भूमिहीनों को सीलिंग से फाजिल जमीन देने, बंटाईदारों, समान काम समान वेतन, नौजवानों के लिए रोजगार, स्त्रियों-दलितों पर होने वाले दमन-उत्पीड़न के सवाल पर सदन के बाहर भीतर लड़ते रहे। इस बार बारह विधायक हैं और उनके साथ सीपीआई-सीपीआईएम के चार तथाf राजद के 75 विधायक हैं। 
भले चोर दरवाजे से एनडीए फिर से बिहार में सरकार बना ले, पर माले और महागठबंधन के विधायक रोजगार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, शांति-सुरक्षा, समानता, लोकतांत्रिक-संवैधानिक अधिकारों को लेकर काम करेंगे। इन सारी जगहों पर कार्यक्रमों का संचालन आरा नगर सचिव का. दिलराज प्रीतम ने किया।
आखिर में विश्वविद्यालय परिसर में स्थित वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद का. क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के निर्माण में एबीएसयू और आइसा के आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वीर कुंवर सिंह की साम्राज्यवादविरोधी विरासत को भोजपुर की क्रांतिकारी जनता ने जीवित रखा और हिंदू-मुस्लिम एकता को उसके लिए जरूरी समझा। हम कुंवरसिंह और पीर अली की साझे संघर्ष और साझी शहादत की परंपरा के वाहक हैं। देश को बेचने वालों और छात्र-युवाओं, किसान-मजदूरों के भविष्य को अंधकारमय बनाने वालों के खिलाफ हमारे संघर्ष के लिए कुंवर सिंह और 1857 के अन्य योद्धाओं की स्मृति हमेशा प्रेरणा का कार्य करती रहेगी। 
इसी विश्वविद्यालय में लंबे समय तक छात्र राजनीति करने वाले मनोज मंजिल ने कहा कि हमने कुंवर सिंह से यह सीखा कि आजादी और न्याय के लिए बड़ी से बड़ी ताकत से कैसे लड़ा जा सकता है। कुंवर सिंह हमारे लिए जनसंघर्षों के नायक हैं। पहले स्वाधीनता संग्राम के महान योद्धा हैं। आज जब इस देश में आजादी और लोकतांत्रिक अधिकार पर मौजूद खतरों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, तब कुंवर सिंह की परंपरा भी हमारे साथ है। यहां सभा का संचालन छात्रनेता सबीर द्वारा किया गया। 
इन कार्यक्रमों में राजद के सीताराम यादव, जसम राज्य सचिव सुधीर सुमन, जिला कमेटी सदस्य गोपाल प्रसाद, इंदु देवी, आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार, इंनौस जिला संयोजक शिव प्रकाश रंजन, आइसा जिला अध्यक्ष पप्पू कुमार राम, नगर कमेटी सदस्य सुरेश पासवान,हरीनाथ राम, बालमुकुंद चौधरी, दीनानाथ सिंह, राजेंद्र यादव, रुचि प्रिया, अजय गांधी, रामानुज जी,  सुनील चौधरी, निरंजन केसरी सहित कई अन्य भी मौजूद रहे।