Biharब्रह्मविद्या विहंगम योग

ईश्वर की श्रेष्ठतम कृति है मानव

आरा, भोजपुर संवाददाता ( सुरेश कुमार ) की रिपोर्ट महर्षि सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान भोजपुर जिला कार्यालय सह सत्संग भवन महाराजा हाता गली न0–2 में सत्संग आयोजित किया गया। मंच संचालन आरा अनुमंडल संयोजक श्रीकृष्ण प्रसाद ने किया। धन्य भाग उदय भ ई है, पाहुनी सन्त घर आयो जी भजन किरण पांडेय एवं प्रियंका गुप्ता — माता कौशल्या,माता देवकी, सुमित्रा माता पूत्रवंती हो। सोहर प्रस्तुत किया। भावोद्गार व्यक्त करते हुए जैयधीर जी ने कहा — मानव जीवन में सद्गुरु की प्राप्ति होना श्रेष्ठ कार्य है, उससे भी श्रेष्ठ कार्य सद्गुरु की सेवा है। सेवा के बदौलत परमात्मा किया जा सकता है। जिला सचिव विजय पाण्डेय ने कहा — 29 अगस्त 2024 को संत श्री विज्ञान देव जी महाराज का आगमन हो रहा है इसके निमित्त जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है उसे पूरा करना परम दायित्व है। श्रेष्ठश्रेबिहार राज्य समन्वयक सह दक्षिण बिहार महामंत्री भूपेंद्र राय ने कहा — इस विशाल सृष्टि में ईश्वर की श्रेष्ठतम कृति है मानव। मनुष्य अपने संकल्प से असंभव कार्यो को भी संभव बना लेता है। आज समस्त सुविधाएं, उपलब्धियां भी जीवन में सुख शांति नहीं दे पा रही क्योंकि जीवन में कुछ और पाने की होड़ लगी है।
विहंगम योग के प्रणेता हिमालय योगी अनन्त श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज का दर्शन कहता है कि सारी समस्याओं का मूल कारण है,मन का हमारे नियंत्रण में नहीं होना है। हम सबों आत्मिक शक्ति को केन्द्रित कर उस असीम, अनन्त सत्ता से जुड़कर रहेंगे तो हमारे अंदर की सारी गुत्थियां स्वयंमेव सुलज्ञ जायेगी।
एक ही साधे सब सधे,सब साधे सब जाय।
तुम जो सींचो मूल को,फूले फले अघात ।।
आज के कार्यक्रम में परामर्शक दीपनारायण प्रसाद, मीडिया प्रभारी सुरेश कुमार, श्री सिंह, मंजीत सिंह, डॉ अंशु सिंह, आरा अनुमंडल संयोजिका रीना गुप्ता,जैयमालती राय, सुशीला सिंह, पिंकी प्रसाद, संगीता देवी, कंचन तिवारी के अलावे दर्जनों गुरू भाई बहन उपस्थित रहे।