ना भगवान,
ना गृह-नक्षत्र,
ना भाग्य,
ना रिश्तेदार,
ना पडोसी,
ना सरकार,
जिम्मेदार आप स्वयं है
1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम
2) पेट दर्द, गलत खाने का परिणाम
3) आपका कर्ज, जरूरत से ज्यादा खर्चे का परिणाम
4) आपका दुर्बल /मोटा /बीमार शरीर, गलत जीवन शैली का परिणाम
5) आपके कोर्ट केस, आप के अहंकार का परिणाम
6) आपके फालतू विवाद, ज्यादा व् व्यर्थ बोलने का परिणाम
उपरोक्त कारणों के अलावा सैकड़ों कारण है जिनके कारण हम जीवन मे तकलीफ उठाते रहते है और बेवजह दोषारोपण दूसरों पर करते रहते है,
मेरा अस्वस्थ होना किसी प्राकृतिक नियम की अवहेलना मात्र है,
इसमें ईश्वर दोषी नहीं है
अगर हम इन कष्टों के कारणों पर बारिकी से विचार करें तो पाएंगे की कहीं न कहीं हमारी मूर्खताएं ही इनके पीछे है
● प्रकृति का नियम, कर्म का प्रतिकर्म, एक्शन का रिएक्शन, याद रखे दिमाग़ 95% व्यर्थ की बातें सोचता है, जो किसी काम की नहीं होती, सिर्फ भय उत्पन्न करती है
सलाह, शांत चित्त हो कर, बुद्धि,विवेक से निर्णय लें, परिणाम अच्छा ही होगा !!
‼️राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ‼️
‼️सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने‼️