नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद अब किसी भी व्यक्ति की जमीन केवल घोषणा मात्र से वक्फ संपत्ति नहीं बन सकेगी। इससे देशभर में वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर दावा करने की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगेगी और जमीन मालिकों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संशोधन से आदिवासी समुदायों को बड़ी राहत मिलेगी। अनुसूचित जनजातियों की भूमि, जो संविधान की अनुसूची 5 और अनुसूची 6 के तहत संरक्षित है, अब वक्फ अधिनियम के दायरे से बाहर रहेगी। इससे आदिवासी समाज को उनकी पारंपरिक और कानूनी भूमि अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी।
अमित शाह ने कहा कि यह संशोधन न केवल भूमि विवादों को कम करेगा बल्कि देश में संपत्ति के अधिकार को भी मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार सभी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और यह संशोधन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गौरतलब है कि वक्फ अधिनियम को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। कई मामलों में शिकायतें आई थीं कि निजी संपत्तियों को वक्फ घोषित कर दिया जाता है, जिससे जमीन मालिकों को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस संशोधन के बाद अब ऐसा नहीं होगा और संपत्ति मालिकों को उनके अधिकारों को लेकर अधिक स्पष्टता मिलेगी।