special focus on religious tourism and security
लखनऊ, 18 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन और महाकुंभ 2025 को लेकर कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं। राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाएं लागू कर रही है। वहीं, सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। आइए जानते हैं प्रदेश की यात्रा से जुड़ी प्रमुख ख़बरें—
प्रयागराज में इस साल होने वाले महाकुंभ 2025 में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रयागराज और वाराणसी का हवाई निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। प्रशासन का कहना है कि इस बार महाकुंभ में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार 13 प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास के लिए तीन चरणों में मास्टर प्लान लागू कर रही है। इसमें वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, मेरठ, अलीगढ़, गोरखपुर, झांसी, चित्रकूट, सहारनपुर, बरेली, आगरा और लखनऊ शामिल हैं। इस योजना के तहत मंदिरों और तीर्थ स्थलों का आधुनिकीकरण किया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
बुलंदशहर के दो युवकों ने महाकुंभ से त्रिवेणी का जल लेकर 570 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू की है। वे महाशिवरात्रि पर अम्बकेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। यात्रा के दौरान वे होटलों में न रुककर सिर्फ मंदिरों और धर्मशालाओं में विश्राम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार पर कांवड़ यात्रा और देव दीपावली पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सनातन धर्म और धार्मिक आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में एक खाली शिविर में आग लग गई थी, जिसे तुरंत काबू में कर लिया गया। इससे पहले सात टेंट जलकर खाक हो गए थे। प्रशासन ने अब सुरक्षा मानकों को और सख्त कर दिया है और सभी अस्थायी शिविरों में फायर सेफ्टी उपकरण अनिवार्य कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश में धार्मिक यात्राओं और पर्यटन को नई ऊंचाई देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। महाकुंभ 2025 को सफल बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।