वेदों और धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य के हर कर्म के 14 साक्षी होते हैं — सूर्य, अग्नि, चंद्रमा, वायु, पृथ्वी, आकाश, जल, काल, दिन, रात्रि, संध्या, दिशाएं, इन्द्रियां और धर्म। जानिए कैसे ये साक्षी हर कर्म का हिसाब रखते हैं और मनुष्य के पाप-पुण्य का निर्धारण करते हैं।
पाप और पुण्य
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