Youth's capital in crisis, questions raised on the government
नई दिल्ली, 28 फरवरी 2025 – भारतीय शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है। खासतौर पर युवा निवेशकों की अरबों रुपये की पूंजी इस गिरावट में डूब चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे भ्रामक ऐप, संदिग्ध ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म और बाजार में एक चालाक तंत्र का खेल है, जो निवेशकों को बड़े नुकसान की ओर धकेल रहा है।
बाजार में मौजूद तथाकथित ‘स्टॉक माफिया’ न सिर्फ खरीदारी पर बल्कि बिकवाली पर भी मुनाफा कमाते हैं। इनकी रणनीति आम निवेशकों को फंसाने की होती है, जिससे वे तेजी से निवेश कर दें और बाद में भारी नुकसान उठाएं। वहीं, सरकारी निगरानी तंत्र की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर यह तंत्र निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो इसे चलाने पर करोड़ों रुपये खर्च करने का औचित्य ही क्या है?
इस गिरावट का प्रभाव अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों पर पड़ेगा। युवा निवेशकों का यह नुकसान उनके द्वारा ईएमआई पर खरीदे गए घरों, गाड़ियों और अन्य जरूरी सामानों के भुगतान को भी प्रभावित कर सकता है। अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को भी इस गिरावट की मार झेलनी पड़ेगी।
बीते छह महीनों से बाजार में जारी गिरावट पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि सरकार ने जल्द स्थिति संभालने के उपाय नहीं किए, तो इसे बाजार के प्रति सरकार की नाकामी माना जाएगा। निवेशकों का विश्वास बहाल करने और बाजार को स्थिर करने के लिए सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी होगी।
युवा निवेशकों से अपील की जाती है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को बहुत सोच-समझकर निवेश करें। किसी भी लुभावने वादों, भ्रामक ऐप्स या अज्ञात स्रोतों पर भरोसा करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें। सरकार को भी इस दिशा में कठोर कानून लागू कर ऐसे निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।