एक चूक और खाली हो सकता है बैंक खाता! जानिए स्कैमर्स के नए हथकंडे और कैसे रहें सुरक्षित।
डिजिटल इंडिया के दौर में जहां ऑनलाइन पेमेंट, सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स ने जिंदगी आसान बनाई है, वहीं साइबर ठग नए-नए तरीकों से आम लोगों को निशाना बना रहे हैं।
अब ठगी सिर्फ फोन कॉल तक सीमित नहीं रही, बल्कि QR कोड, UPI, AI-Deepfake, फर्जी जॉब, डिजिटल अरेस्ट और नकली निवेश ऐप के जरिए लोग मिनटों में अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं।
देश के कई शहरों में दुकानों पर असली QR कोड के ऊपर नकली QR चिपकाकर ग्राहकों से पेमेंट कराया जा रहा है। स्कैन करते ही पैसा सीधे ठग के खाते में चला जाता है और दुकानदार व ग्राहक दोनों ठगे जाते हैं।
“आपने इनाम जीत लिया है”, “फ्री रिचार्ज पाएं”, “सरकारी योजना का लाभ” जैसे मैसेज और लिंक भेजकर लोगों से बैंक डिटेल और OTP चुरा लिए जाते हैं।
अब ठग AI और Deepfake तकनीक से नकली फोटो, वीडियो और आवाज बनाकर दोस्ती या प्यार का नाटक करते हैं। भरोसा जीतने के बाद पैसे, गिफ्ट या निवेश के नाम पर बड़ी ठगी की जाती है।
कुछ स्कैमर्स खुद को पुलिस, CBI, बैंक या सरकारी अधिकारी बताकर फोन करते हैं और कहते हैं—
“आपका अकाउंट मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है”
डर दिखाकर रिमोट एक्सेस, OTP या पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं।
वर्क फ्रॉम होम, हाई सैलरी जॉब या शेयर-क्रिप्टो निवेश के नाम पर पहले थोड़ा मुनाफा दिखाया जाता है, फिर रजिस्ट्रेशन फीस या बड़ा निवेश करवा कर ठग फरार हो जाते हैं।
आपात स्थिति, रिश्तेदार की मदद या गलती से पैसा भेजने का बहाना बनाकर UPI से पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक UPI फ्रॉड में करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।