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Prayagraj Maha Kumbh

प्रयागराज महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आस्था का संगम

प्रयागराज (17 फरवरी 2025) – प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं का अपार हुजूम उमड़ रहा है, और इस अद्भुत धार्मिक आयोजन की गूंज दुनिया भर में सुनाई दे रही है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला यह महाकुंभ लाखों भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए एक अनमोल अवसर है, जहां वे गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान करते हैं। अब तक 50 करोड़ से अधिक लोग इस पर्व पर स्नान कर चुके हैं, और मेला क्षेत्र में रौनक का कोई ठिकाना नहीं।

  1. रुद्री पाठ का रिकॉर्ड
    महाकुंभ के इस बार के आयोजन में विशेष आकर्षण रहा है दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित रुद्री संहिता का पाठ। यह आयोजन एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ, जहां 33 दिनों तक लगातार रुद्री संहिता का पाठ किया गया। इस अनुष्ठान का आयोजन प्रयागराज के दिव्य ज्योति वेद मंदिर में हुआ, और इसे लाखों भक्तों ने लाइव देखा।
  2. भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्थाएँ
    महाकुंभ में बढ़ती भीड़ के चलते प्रशासन ने नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है, जिससे मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। विशेष यातायात प्रबंध किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। यात्रीगण प्रयागराज जंक्शन पर भी भारी भीड़ का सामना कर रहे हैं, जहां इमरजेंसी यातायात व्यवस्था लागू की गई है। भीड़ की अधिकता के कारण कुछ ट्रेनों को रद्द भी किया गया है।
  3. विशिष्ट व्यक्तित्वों की उपस्थिति
    महाकुंभ के इस आयोजन में राष्ट्रपतिद्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने पवित्र स्नान किया। यह अवसर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का भी एक महत्वपूर्ण मौका है।
  4. उत्सव का वैश्विक विस्तार
    महाकुंभ के आयोजकों ने इस बार तकनीकी पहलुओं पर भी ध्यान दिया है। लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से लाखों भक्तों ने इस धार्मिक अवसर का अनुभव किया, और यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस आयोजन में हर दिन हजारों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए गंगा-यमुन के संगम तक पहुंचे हैं।
  5. जलवायु और मौसम की स्थिति
    सर्दियों के मौसम में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार मौसम की चुनौतियों से भी जूझ रहा है, लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। मौसम विभाग द्वारा कई अलर्ट जारी किए गए हैं, और प्रशासन ने सभी सुरक्षा प्रबंध किए हैं।

महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक भी बन चुका है। इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर और विदेशों से आए श्रद्धालु अपने आस्थावान अनुभवों को साझा कर रहे हैं, और यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए यादगार बन गया है