नई दिल्ली। “जहां भारतीय सेना के चरण पड़ते हैं, वहां शौर्य, तेज और अनुशासन की त्रिवेणी बह उठती है।” — इस भावपूर्ण पंक्ति ने उस समय वास्तविक रूप धारण कर लिया जब ऑपरेशन सिंदूर की वीरगाथा को देश की दो अद्वितीय बेटियों ने राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों की साहसिक कार्रवाई और बलिदान की वो कहानियाँ साझा कीं, जिन्होंने हर भारतीय के हृदय को गर्व और सम्मान से भर दिया।
इन वीरांगनाओं ने न केवल राष्ट्र को सेना के अद्वितीय पराक्रम से अवगत कराया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत की बेटियाँ भी नेतृत्व, शौर्य और समर्पण में किसी से कम नहीं।
एक ओर जहां ये बयान देशवासियों की आंखें नम कर गए, वहीं दूसरी ओर इन वीर जवानों को नमन करने की प्रेरणा भी जागृत कर दी।