बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति अपना समर्थन और सहयोग व्यक्त किया है। हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और एनडीए की मजबूती को लेकर बड़ा बयान दिया।
नीतीश कुमार ने कहा, “दिल्ली की जनता ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है। यह दर्शाता है कि जनता भाजपा और एनडीए के कार्यों से संतुष्ट है और भविष्य में भी हमें समर्थन देगी।”
एनडीए में वापसी और मजबूत गठबंधन
जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापसी की थी और नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। यह राजनीतिक फेरबदल बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हुआ।
अब, आगामी बिहार चुनावों को लेकर नीतीश कुमार पूरी तरह से भाजपा के साथ हैं और उन्होंने एनडीए को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, और हम भाजपा के साथ मिलकर जनता के हित में काम करते रहेंगे। आगामी चुनावों में एनडीए प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करेगा।”
JDU-BJP की रणनीति और सीट बंटवारे पर मंथन
बिहार चुनाव को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के बीच सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा जारी है। सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन रही है, ताकि चुनाव में कोई आंतरिक मतभेद न हो और एक मजबूत गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ा जाए।
जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने कई बड़े विकास कार्य देखे हैं और जनता इस बार भी एनडीए को सत्ता में वापस लाने का मन बना चुकी है। भाजपा के नेताओं ने भी नीतीश कुमार के प्रशासनिक अनुभव और कार्यशैली की सराहना की है।
राजनीतिक समीकरण और विपक्ष की चुनौती
जहां एक ओर एनडीए पूरी मजबूती से चुनाव की तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भी अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वाम दल महागठबंधन को एकजुट करने की कोशिश में हैं, लेकिन नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी से विपक्ष को बड़ा झटका लगा है।
आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार का बार-बार पाला बदलना उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है। वहीं, जेडीयू और भाजपा का कहना है कि गठबंधन का उद्देश्य जनता की सेवा करना है और बिहार के विकास को आगे बढ़ाना है।
बिहार की जनता का मूड
बिहार में राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है। दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत के बाद एनडीए कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ा है। जनता के बीच भी यह चर्चा है कि नीतीश कुमार का भाजपा के साथ आना बिहार में स्थिरता और विकास की गारंटी देता है।
हालांकि, चुनाव तक कई और समीकरण बन सकते हैं और राजनीतिक माहौल में बदलाव आ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में बिहार की जनता किसे अपना समर्थन देती है।