MP Sudama Prasad did a surprise inspection of the divisional level modern library, educational development will get a boost,New hope for poor children
आरा, भोजपुर। जिला स्कूल के बगल में बन रहे प्रमंडल स्तरीय 3 मंजिला आधुनिक लाइब्रेरी का औचक निरीक्षण आरा सांसद सुदामा प्रसाद ने किया। यह लाइब्रेरी 4 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत से बन रही है। निरीक्षण के दौरान सांसद ने इसे अपने प्रयासों का परिणाम बताते हुए कहा कि यह परियोजना क्षेत्र के गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगी।
सांसद सुदामा प्रसाद ने जानकारी दी कि उन्होंने 30 सितंबर 2024 को भोजपुर जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस लाइब्रेरी को प्रमंडल स्तरीय आधुनिक लाइब्रेरी में परिवर्तित करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद बिहार सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसके लिए 4 करोड़ 49 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की। उन्होंने बताया कि यह लाइब्रेरी 124 साल पुरानी नागरी प्रचारिणी सभागार लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सांसद ने बताया कि जब वे पुस्तकालय समिति के सभापति थे, तब उन्होंने बिहार विधानसभा में एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। इस प्रतिवेदन के तहत राज्य के सभी 449 सार्वजनिक लाइब्रेरी को उन्नत बनाने और हर पंचायत भवन में एक-एक लाइब्रेरी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था। इस पहल को अब बिहार सरकार जमीन पर लागू कर रही है, जिससे राज्य के गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
औचक निरीक्षण के दौरान सांसद ने बताया कि लाइब्रेरी के लिए 10 कट्ठा जमीन आवंटित है, जिसमें से केवल 7 कट्ठा जमीन पर निर्माण हो रहा है। शेष 3 कट्ठा जमीन पर सरकार से पार्क बनाने की मांग की गई है ताकि शैक्षणिक वातावरण को और बेहतर बनाया जा सके।
निरीक्षण के दौरान कई स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। इनमें भाकपा-माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम, आरएन पाठक, कांग्रेस नेता रज्जी अहमद, पूर्व वार्ड पार्षद अमित कुमार बंटी, निजी सचिव सूरज कुमार, डॉ. रामाशंकर प्रसाद, डॉ. निर्मल सिंह, डॉ. सिद्धार्थ शिवशंकर सहाय, राजद नेता लल्लू यादव और संवेदक सुमित कुमार शामिल थे।
सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि यह लाइब्रेरी बिहार के जमींदोज हो चुके पुस्तकालयों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह परियोजना न केवल शैक्षणिक क्षेत्र को बढ़ावा देगी, बल्कि गरीब बच्चों को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ दिलाने में मदद करेगी।