मुजफ्फरपुर/बिहार| एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां दहेज में बोलेरो गाड़ी न देने पर एक विवाहिता की हत्या कर दी गई। इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
शादी और दहेज की मांग
यह मामला मोतीपुर प्रखंड के सेंदवाड़ी गांव का है। यहां के निवासी मिश्रीलाल ठाकुर ने अपनी बेटी मिंकी कुमारी की शादी मुजफ्फरपुर के जमरुआ गांव के प्रभात रंजन से तय की थी। शादी 26 मई 2004 को संपन्न हुई।
शादी के बाद कुछ समय तक सबकुछ ठीक-ठाक चलता रहा, लेकिन जल्द ही मिंकी के ससुराल वाले बोलेरो गाड़ी की मांग करने लगे। मिंकी पर लगातार मानसिक और शारीरिक दबाव बनाया गया। कई बार उसे मारपीट का भी शिकार होना पड़ा।
पिता ने समझौते की कोशिश की, लेकिन ससुराल वाले अड़े रहे
मिंकी के पिता मिश्रीलाल ठाकुर ने जब यह सब सुना, तो वे स्वयं बेटी की ससुराल पहुंचे। उन्होंने अपने समधी संजय ठाकुर से बातचीत कर मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन संजय ठाकुर का साफ कहना था—“हमें गाड़ी किसी भी कीमत पर चाहिए।” जब मिश्रीलाल ने यह मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो माहौल और बिगड़ गया।
30 सितंबर 2024: मौत की खबर और सवालों के घेरे में पुलिस
30 सितंबर 2024 को मिश्रीलाल ठाकुर को सूचना मिली कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही। यह सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। जब वे अपने बेटे के साथ बेटी की ससुराल पहुंचे, तो वहां का दृश्य भयावह था।
मिंकी के शरीर पर अनगिनत चोटों के निशान थे, जो यह स्पष्ट कर रहे थे कि उसे निर्दयता से पीटा गया था। पिता ने तुरंत स्थानीय थाना को सूचित किया, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। मजबूर होकर मिश्रीलाल ठाकुर ने एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
सबूत होने के बावजूद न्याय से वंचित परिवार
मिश्रीलाल ठाकुर ने मिंकी के साथ हुई बर्बरता के सभी सबूत—तस्वीरें और वीडियो—एक पेन-ड्राइव में सुरक्षित रखे हैं। इसके बावजूद पांच महीने बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
क्या मिलेगा इंसाफ?
इस दौरान लड़के के परिवार ने समझौते का प्रस्ताव कई बार भेजा, लेकिन मिंकी के पिता ने न्याय के लिए लड़ने का फैसला किया। अब सवाल उठता है—
- क्या पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी?
- क्या दोषियों को कानून सजा देगा?
- दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ कब उठेगी सख्त आवाज?
इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि दहेज प्रथा आज भी महिलाओं की जान ले रही है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन और न्यायिक तंत्र इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।