Many announcements from BJP, Aam Aadmi Party and Congress
नई दिल्ली: चुनाव की तारीख करीब आते ही राजनीतिक दलों की ओर से वादों की झड़ी लग रही है। दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस की ओर से कई घोषणाएं की गई हैं। मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र (घोषणापत्र) पार्ट 2 जारी किया।
बीजेपी का घोषणापत्र: प्रमुख वादे
मुफ्त शिक्षा: सरकारी संस्थानों में केजी से पीजी तक जरूरतमंद छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा।
वित्तीय प्रोत्साहन: यूपीएससी और राज्य पीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए दो प्रयासों तक 15,000 रुपये की पेशकश।
वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजना: 60-70 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2,500 रुपये और 70 वर्ष से अधिक के लिए 3,000 रुपये की मासिक पेंशन।
महिलाओं के लिए योजनाएं: मातृ सुरक्षा वंदना योजना के तहत छह पोषण किट और प्रत्येक गर्भवती महिला को 21,000 रुपये देने का वादा।
कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार: मौजूदा योजनाओं को जारी रखने का आश्वासन।
आप और केजरीवाल की प्रतिक्रिया
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के घोषणापत्र को “देश के लिए खतरनाक” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सत्ता में आने पर:
सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा बंद करेगी।
मोहल्ला क्लीनिक और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं को खत्म करेगी।
गरीबों के लिए जीवनयापन मुश्किल कर देगी।
केजरीवाल ने कहा, “यह आम आदमी के कल्याण पर सीधा हमला है। बीजेपी का संकल्प पत्र सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने का खाका है।”
आप का तीखा हमला
एक दिन पहले, आम आदमी पार्टी ने “बीजेपी की उपलब्धियां” नामक एक खाली किताब जारी की, जिसमें भाजपा पर चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उसका मजाक उड़ाया। आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, “बीजेपी ने 2014 से अब तक कई वादे किए, लेकिन उन्हें पूरा करने में असफल रही।”
पृष्ठभूमि: बीजेपी का प्रदर्शन
दिल्ली में बीजेपी 27 वर्षों से सत्ता से बाहर है। पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनावों में केवल तीन सीटें और 2020 में आठ सीटें जीती थीं। बीजेपी अब इन चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनाव में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाएं मुख्य मुद्दे बनते दिख रहे हैं। एक ओर बीजेपी मुफ्त शिक्षा और वित्तीय प्रोत्साहन के वादे कर रही है, तो दूसरी ओर आप इसे “खतरनाक” और “जनविरोधी” करार दे रही है। आगामी चुनावों में इन वादों का असर मतदाताओं पर कितना पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।