Leader of Opposition Jairam Thakur's counterattack on Chief Minister Sukhu's budget speech
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2025-26 के बजट पर नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृत परियोजनाओं को अपनी उपलब्धि के रूप में दिखाकर श्रेय लेने की राजनीति कर रही है।
बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनके लिए पहले ही केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय मंजूरी दी जा चुकी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार को इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वे सारा श्रेय खुद लेने की राजनीति कर रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने ट्वीट करते हुए लिखा: “सुक्खू जी बजट में जिन परियोजनाओं का उल्लेख कर रहे हैं, वे पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत हैं। राज्य सरकार को केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करना चाहिए, न कि जनता को गुमराह कर श्रेय लूटने की राजनीति करनी चाहिए।”
प्रदेश में बजट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक खींचतान तेज हो गई है। भाजपा का आरोप है कि सुक्खू सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित है, जबकि कांग्रेस का दावा है कि राज्य में विकास कार्यों को गति देने के लिए नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं।
भाजपा नेताओं का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है और केंद्र से मिली आर्थिक सहायता के बिना विकास संभव नहीं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि मौजूदा सरकार ने राज्य के विकास के लिए प्रभावी योजनाएं बनाई हैं और उन्हें लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार विकास की बजाय केवल राजनीतिक प्रचार में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता को नजरअंदाज कर, राज्य सरकार जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सभी परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य को अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके आत्मनिर्भर बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
बजट सत्र के बाद हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक गर्मी और बढ़ सकती है।