Lady Don' Nishi Pandey arrested, case of murder of two in gang war
रांची: झारखंड में अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए चर्चित ‘लेडी डॉन’ निशि पांडे को मंगलवार को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी रामगढ़ के पतरातू इलाके से हुई। पांडे और उसके भाई निशांत सिंह को पलामू में गैंगवार के दौरान दो लोगों की हत्या के मामले में पकड़ा गया। हत्या का मामला पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र स्थित गरदा गांव से जुड़ा हुआ है, जहां रविवार रात पांडेय गिरोह के दो गुर्गों भरत पांडे और दीपक साव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गैंगवार के इस हत्याकांड में करीब तीन दर्जन खोखे मृतकों के शरीर से बरामद हुए थे, जिससे यह घटना गैंगवार का एक भयावह रूप सामने आई। जानकारी के मुताबिक, भरत पांडे और दीपक साव दोनों पहले अपने-अपने गिरोहों से जुड़े हुए थे, लेकिन बाद में दोनों ने वसूली का धंधा शुरू कर दिया, जिससे पांडेय गिरोह के निशाने पर आ गए और अंततः उनकी हत्या कर दी गई।
पांडेय गिरोह का वर्चस्व झारखंड के कोयलांचल इलाके में था, खासकर रामगढ़, पतरातू, बरकाकाना, बड़गांव और भुरकुंडा के इलाकों में। इस गिरोह का संचालन विकास तिवारी और निशि पांडे कर रहे थे। पांडेय गिरोह की गतिविधियों के बारे में सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह ‘5 जी’ नामक कोडवर्ड के तहत काम करता था, जिसकी शुरुआत भोला पांडे से हुई थी। 2009 में भोला पांडे की हत्या कर दी गई थी और उसके बाद किशोर पांडे ने गिरोह की कमान संभाली, लेकिन 2014 में किशोर की भी हत्या कर दी गई। उसके बाद विकास तिवारी और निशि पांडे ने गिरोह की जिम्मेदारी ली।
निशि पांडे का आपराधिक इतिहास होने के बावजूद वह पतरातू में समाजसेवी के रूप में भी जानी जाती थीं। राजनीति में भी उनकी सक्रियता थी और वह पूर्व मंत्री सरयू राय की पार्टी में शामिल हो गई थीं, बाद में वह पार्टी के केंद्रीय महासचिव भी बनीं। हालांकि, सरयू राय की पार्टी के जेडीयू में विलय के बाद उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं विवादों में रही। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आजसू पार्टी के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के भाई रौशन लाल चौधरी को अपना समर्थन दिया था।
पांडे गिरोह का वर्चस्व कोयला क्षेत्र पर था, और इसका प्रतिद्वंद्वी अंबा प्रसाद का परिवार था। कोयला वर्चस्व की लड़ाई के कारण निशि पांडे और अंबा प्रसाद के परिवार के बीच टकराव होता रहा। हालांकि, चुनावी राजनीति में अंबा प्रसाद हार गईं, लेकिन अब निशि पांडे भी पुलिस के गिरफ्त में हैं, और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
एसआईटी की इस गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि राज्य में आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है, और इन गैंगवारों के मामले में पुलिस का शिकंजा अब और भी कड़ा होगा।