पटना के कृष्णा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और दीपदान करते श्रद्धालु।
पटना / बिहार | कार्तिक मास की पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज पटना सहित पूरे बिहार में गंगा घाटों पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
राजधानी पटना के कृष्णा घाट (NIT घाट) पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई। महिलाएँ और पुरुष गंगा में स्नान कर भगवान विष्णु की आराधना में लीन दिखे।
सूर्योदय से पहले ही गंगा किनारे दीपों की झिलमिलाहट और “हर हर गंगे” के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालुओं ने गंगा जल में आस्था की डुबकी लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि और शांति की कामना की।
पंडितों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन भगवान विष्णु और देवी तुलसी के विवाह (तुलसी विवाह) के रूप में भी मनाया जाता है।
कृष्णा घाट पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की गई थी। स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीम लगातार निगरानी में थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
गंगा तट पर बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की मौजूदगी ने इस पर्व को एक लोक-आस्था का उत्सव बना दिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दीपदान और आरती में हिस्सा लिया। गंगा जल पर तैरते दीपों की सुनहरी लहरों ने घाट की सुंदरता को और निखार दिया।