International context and balance of power
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद अपनी नीतियों और दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है। उन्होंने “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” की अवधारणा को दोहराते हुए, अमेरिका को वैश्विक मंच पर नई दिशा देने का आह्वान किया। ट्रंप की नई नीतियां शांति, सुरक्षा, और संप्रभुता के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उन्होंने तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाओं को समाप्त करने और वैश्विक विवादों में अमेरिका की भागीदारी को सीमित करने पर जोर दिया।
डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल बाद अमेरिकी राजनीति में वापसी कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए दो बार राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल किया। ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, “अमेरिका का स्वर्णिम काल अभी से शुरू हो गया है।” उनकी नीतियों का उद्देश्य अमेरिका को फिर से “गौरवपूर्ण, समृद्ध और स्वतंत्र” बनाना है।
डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियां अमेरिका को आत्मनिर्भर और वैश्विक विवादों से दूर रखने की ओर इशारा करती हैं। हालांकि, ब्रिक्स देशों की बढ़ती ताकत, नाटो के कमजोर होते प्रभाव, और भारत जैसे देशों के साथ जटिल संबंध अमेरिका की चुनौतियां बढ़ा सकते हैं। ट्रंप की प्राथमिकता शांति बहाली और अमेरिका की सुरक्षा है, लेकिन उनके नीतिगत दृष्टिकोण का वैश्विक राजनीति पर क्या प्रभाव होगा, यह देखना शेष है।
ट्रंप के शब्दों में, “मैं यूक्रेन में जंग खत्म कराऊंगा, मिडिल ईस्ट में अराजकता को बंद करूँगा और तीसरे विश्वयुद्ध को होने से भी रोक दूंगा।” यह दृष्टिकोण उनके नेतृत्व और रणनीति का संकेत है, लेकिन इन वादों को पूरा करने की चुनौती अभी भी बनी हुई है।