Accusations of insult to deities in Mandi Shivratri Mahotsav, anger among devotees
मंडी, हिमाचल प्रदेश | हिमाचल प्रदेश के मंडी शिवरात्रि महोत्सव में इस बार देवी-देवताओं के अपमान का मामला गरमाता जा रहा है। स्थानीय श्रद्धालुओं और राजनीतिक दलों ने सरकार पर देव आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
मंडी शिवरात्रि महोत्सव में हर साल सैकड़ों देवी-देवताओं की पालकियाँ धूमधाम से निकाली जाती हैं, लेकिन इस बार पालकियों के लिए उचित व्यवस्था नहीं की गई। बताया जा रहा है कि बारिश से बचाव के लिए देव पालकियों को कोई सुरक्षा नहीं दी गई, जिससे कई स्थानों पर देवताओं की मूर्तियाँ और पालकियाँ भीग गईं।
इस मामले ने और तूल तब पकड़ा जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए विशेष रथ और छतरी की व्यवस्था की गई, लेकिन देव श्री चुंजवाला शिव कोठी शालागाड़ जी की पालकी को कोई सुरक्षा नहीं मिली। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने तेजी पकड़ी और श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश देखा गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि देवभूमि हिमाचल में देवताओं के प्रति यह अनादर सहन नहीं किया जाएगा। कई श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि सरकार केवल दिखावटी आयोजनों पर ध्यान दे रही है, जबकि असल में आस्था और परंपराओं का सम्मान नहीं किया जा रहा।
इस घटना पर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह “देवभूमि” में देवताओं का अपमान है। सोशल मीडिया पर कई नेताओं और आम लोगों ने सरकार से इस लापरवाही पर माफी मांगने की मांग की है।
वहीं, प्रशासन का कहना है कि बारिश अप्रत्याशित थी और व्यवस्थाएँ जल्दबाजी में की गईं। सरकार ने इस मामले की जाँच कराने की बात कही है और भविष्य में ऐसी गलतियाँ न दोहराने का आश्वासन दिया है।
श्रद्धालु और स्थानीय लोग सरकार से महोत्सव में देवताओं की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने और देव संस्कृति का सम्मान बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।
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