देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में सर्दियों के मौसम में पर्यटकों की संख्या बढ़ाना, एडवेंचर टूरिज्म को प्रोत्साहित करना और स्थानीय व्यवसायों को आर्थिक लाभ पहुंचाना है।
क्या है इस कार्यक्रम का उद्देश्य?
उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत:
- बर्फ से ढके पर्यटन स्थलों को और अधिक आकर्षक बनाने की योजना।
- स्कीइंग, स्नो ट्रेकिंग, कैंपिंग और अन्य एडवेंचर एक्टिविटीज को बढ़ावा देना।
- स्थानीय होमस्टे, होटल और रेस्टोरेंट को पर्यटन से जोड़कर रोजगार के अवसर बढ़ाना।
- चारधाम सर्किट से जुड़े क्षेत्रों में सर्दियों के वैकल्पिक पर्यटन की संभावनाओं को विकसित करना।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
सरकार का मानना है कि यह पहल उत्तराखंड को शीतकालीन पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेगी। औली, चकराता, मुनस्यारी, औसला, धनौल्टी और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों पर विशेष पर्यटन पैकेज लॉन्च किए जाएंगे।
पर्यटन मंत्री के अनुसार, “हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को केवल ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल तक सीमित न रखकर, इसे एक सालभर चलने वाले पर्यटन हब में बदलना है। इससे स्थानीय कारोबारियों, होटल व्यवसायियों और हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों को सीधा लाभ मिलेगा।”
स्थानीय अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

इस पहल के तहत स्थानीय गाइड, पारंपरिक हस्तशिल्प कलाकार, होटल व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, स्थानीय संस्कृति और खानपान को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में शुरू किया गया यह कार्यक्रम राज्य की पर्यटन क्षमता को नए स्तर पर ले जाएगा और सर्दियों में भी यहां पर्यटकों की भीड़ बनी रहेगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।