बिहार, जो पहले अपने कृषि आधारित आर्थिक ढांचे के लिए जाना जाता था, अब व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन का गवाह बन रहा है। राज्य सरकार की प्रगतिशील नीतियों और बढ़ते निवेशकों के विश्वास ने बिहार को औद्योगिक विकास की दिशा में एक नया रुख प्रदान किया है।
निवेश में ऐतिहासिक वृद्धि:
बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 सम्मेलन ने राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव की ओर इशारा किया। इस सम्मेलन में विभिन्न कंपनियों के साथ 1.8 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है। यह निवेश राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में विकास की नींव रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड ने अब तक 52 औद्योगिक इकाइयों के 28,881.55 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। इससे न केवल उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के युवा उद्यमियों को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिलेंगे।
बैंकिंग और वित्तीय समावेशन में बढ़ोतरी:
बिहार में छोटे व्यापारियों को बैंक से मिलने वाले ऋण में 118% की वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि राज्य में वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब छोटे व्यापारी अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए आसानी से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं, जिससे राज्य में छोटे-छोटे उद्योगों का विकास होगा।
स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा:
बिहार सरकार ने अपनी स्टार्टअप बिहार नीति के तहत नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष कोष स्थापित किया है। यह पहल बिहार में नए व्यवसायों को प्रेरित करेगी और राज्य को स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
कृषि क्षेत्र की ताकत:
बिहार कृषि उत्पादों का प्रमुख उत्पादक राज्य है, और अब राज्य कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। विशेषकर लीची, आम, अनानास, बैंगन, और चावल जैसे उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है। यह राज्य के आर्थिक ढांचे में और भी मजबूती लाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष:
बिहार में व्यापार और औद्योगिक क्षेत्र में हो रहे ये बदलाव राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं। निवेश, वित्तीय समावेशन, स्टार्टअप्स और कृषि उत्पादों में विकास राज्य को औद्योगिक परिप्रेक्ष्य में एक नए मुकाम तक ले जाएगा। आने वाले वर्षों में, बिहार एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बन सकता है, जो न केवल राज्य के विकास में सहायक होगा बल्कि पूरे देश के लिए रोजगार और समृद्धि का स्रोत बनेगा।