पटना: होली के पर्व की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जिसे चोटी होली भी कहा जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस वर्ष पटना में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च की रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। यह शुभ समय लगभग 1 घंटा 4 मिनट तक रहेगा। भद्रा काल में होलिका दहन करना वर्जित माना जाता है, इसलिए भक्तों को उचित समय पर दहन करना चाहिए।
कैसे करें होलिका पूजन और दहन?
- स्थान चयन: होलिका दहन के लिए एक साफ स्थान चुना जाता है, जहां लकड़ी, उपले और अन्य पूजन सामग्री रखी जाती है।
- पूजन सामग्री: नारियल, रोली, चावल, कच्चा सूत, गुड़, मूंग, बताशे, गुलाल, गेहूं, चना और नई फसल का कुछ भाग पूजा में शामिल किया जाता है।
- पूजन विधि:
- होलिका के चारों ओर कच्चे सूत को लपेटें।
- तिलक कर मिष्ठान्न और देसी घी का भोग अर्पित करें।
- जल अर्पित कर ‘होलिका माता की जय’ और ‘प्रह्लाद महाराज की जय’ के उद्घोष करें।
- परिक्रमा कर होलिका में अग्नि प्रज्वलित करें।
- राख का महत्व: मान्यता है कि होलिका दहन के बाद बची हुई राख को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व भक्त प्रह्लाद की भगवान विष्णु में अटूट आस्था और होलिका के अंत की कथा से जुड़ा हुआ है। इसे बुरी शक्तियों के नाश और नई ऊर्जा के संचार का प्रतीक माना जाता है।
सावधानियाँ
- होलिका दहन के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करें।
- दहन स्थल पर अग्नि संबंधी सुरक्षा उपायों का ध्यान रखें।
- पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए प्लास्टिक या हानिकारक पदार्थों का उपयोग न करें।
इस वर्ष होलिका दहन को सही विधि से मनाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और समृद्धि की प्राप्ति होगी।