नई दिल्ली। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GEM) प्लेटफॉर्म के माध्यम से अब तक ₹12 लाख करोड़ से अधिक के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी खरीद प्रक्रिया के माध्यम से सरकार को ₹1 लाख करोड़ से अधिक की बचत करने में मदद की है।
GEM की स्थापना वर्ष 2016 में सरकारी खरीद प्रणाली को सरल, पारदर्शी और दक्ष बनाने के उद्देश्य से की गई थी। यह प्लेटफॉर्म केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य स्वायत्त निकायों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा देता है।
GEM के सीईओ ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर अब तक 1.5 करोड़ से अधिक उत्पाद और सेवाएं सूचीबद्ध हैं, और 65 हजार से अधिक सरकारी खरीदार इससे जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, लगभग 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में MSMEs, स्टार्टअप्स, महिला उद्यमी और सामाजिक क्षेत्र के उद्यम शामिल हैं।
सरकार का मानना है कि GEM न केवल सरकारी खरीद में पारदर्शिता ला रहा है, बल्कि प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा दे रहा है, जिससे कीमतें कम हुई हैं और उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इसके साथ ही यह छोटे व्यापारियों को बड़े बाजारों तक पहुंच का अवसर भी प्रदान कर रहा है।
GEM प्लेटफॉर्म पर अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर प्रक्रियाओं को और भी बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में GEM न केवल भारत की सरकारी खरीद प्रणाली को सशक्त बनाएगा, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।