Female Deputy Jailor transferred from Varanasi to Naini Central Jail in Prayagraj
वाराणसी: वाराणसी जिला कारागार की डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया को जेल अधीक्षक डॉ. उमेश सिंह पर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोप लगाना महंगा पड़ गया। उन्होंने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद उनका प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में तबादला कर दिया गया।
डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया ने एक वीडियो जारी कर जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर मानसिक उत्पीड़न, अभद्र भाषा के प्रयोग और भ्रष्टाचार में संलिप्तता का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इन गलत कार्यों का विरोध किया, तो उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ा।
वीडियो में मीना कन्नौजिया ने कहा:
“मैं अपने कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी से कर रही थी, लेकिन जेल अधीक्षक उमेश सिंह मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने कई बार मेरे साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और जब मैंने इसका विरोध किया, तो मुझ पर दबाव बनाया जाने लगा। अब मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से न्याय की गुहार लगाई है। अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है, तो इसके लिए जेल अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।”
वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी। डीआईजी जेल, वाराणसी राजेश श्रीवास्तव ने डीजी जेल को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी, जिसके बाद डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया का वाराणसी से प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में तबादला कर दिया गया।
हालांकि, जेल अधीक्षक उमेश सिंह के खिलाफ अब तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की गई है।
जेल विभाग ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और अगर आरोप सही पाए गए तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मीना कन्नौजिया द्वारा जारी किए गए वीडियो के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। कई सामाजिक संगठनों और लोगों ने उनकी सुरक्षा की मांग की है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या महिला डिप्टी जेलर को न्याय मिलेगा, या फिर यह मामला दबकर रह जाएगा? प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।