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Dharna

नहर के आधुनिकीकरण और सिंचाई व्यवस्था की मांग पर किसान महासभा का धरना

आरा, सिंचाई व्यवस्था के आधुनिकीकरण और अन्य कृषि संबंधी मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा भोजपुर इकाई ने एकदिवसीय धरना आयोजित किया। यह धरना सोन नहर प्रमंडलीय प्रक्षेत्र सिंचाई कार्यालय के समक्ष आयोजित हुआ। अध्यक्षता किसान नेता कमलेश भट्ट और संचालन किसान नेता विनोद कुशवाहा ने किया।

मांगों की मुख्य बातें:

सिंचाई संसाधनों का जीर्णोद्धार और नए संसाधनों का निर्माण।

सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली।

बाढ़ और सुखाड़ का स्थायी समाधान।

एमएसपी की कानूनी गारंटी।

खाद्य सुरक्षा और संपूर्ण कर्ज माफी।

कृषि मंडियों की पुनर्बहाली।

भूमि अधिग्रहण पर रोक और उचित मुआवजा।

एनपीएफएएम प्रस्ताव की वापसी।

सांसद सुदामा प्रसाद का संबोधन

सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा, “केंद्र सरकार किसानों की खेती और फसल को कारपोरेट के पक्ष में छीनने का प्रयास कर रही है। तीन काले कृषि कानूनों को नए प्रस्ताव (एनपीएफएएम) के जरिए राज्यों में लागू करने की कोशिश की जा रही है।”

उन्होंने सी-2+50% के साथ एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, और सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली जैसे मुद्दों पर जोर दिया।

“सरकारी योजनाओं के नाम पर किसानों की जमीनों को अधिग्रहित कर लैंड बैंक बनाने की साजिश चल रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

जिला सचिव चंद्रदीप सिंह का वक्तव्य

उन्होंने कहा, “सिंचाई के बिना खेती असंभव है। बिहार में सिंचाई संसाधन सरकारी उपेक्षा के कारण मृतप्राय हो गए हैं। सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं और डीजल-बिजली महंगी है।”

उन्होंने सोन, गंडक, कोसी, और उत्तर कोयल नहरों के आधुनिकीकरण की मांग की।

राष्ट्रीय पार्षद राजू यादव का बयान

“नीतीश कुमार की सरकार ने कृषि मंडियों को बंद कर किसानों को मुनाफाखोर व्यापारियों के भरोसे छोड़ दिया। चार कृषि रोडमैप जारी किए गए, लेकिन सिंचाई व्यवस्था पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”

उन्होंने बंद पड़े नलकूपों को चालू करने और नहरों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।

धरना के दौरान अन्य मुद्दे

किसानों की जमीनों की जमाबंदी खारिज कर उन्हें सरकारी घोषित करने के विरोध में आवाज उठाई गई।

भूमि अधिग्रहण के लिए 2013 के कानून के अनुसार मुआवजा देने की मांग की गई।

भूमि सर्वे के नाम पर गरीब किसानों की जमीनों को लैंड बैंक में तब्दील करने की कोशिशों का विरोध किया गया।

स्मार-पत्र सौंपा गया धरना के अंत में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम एक स्मार-पत्र सिंचाई विभाग के अभियंता को सौंपा।

धरना में शामिल प्रमुख किसान नेता

दुदुन सिंह मुखिया, रामकिशोर राय, अश्विनी सिंह, अभय सिंह, भोला यादव, रामबाबू यादव, विनोद सिंह, हरेराम सिंह, शिवमंगल यादव, संजय सिंह, दिलराज प्रीतम, विशाल कुमार, विजय यादव मुखिया, ललन यादव, रामबाबू चंद्रवंशी, कुणाल सिंह, उदय आनंद, श्रीराम सिंह, रजनीश सिंह, रणधीर कुमार राणा, और कलावती देवी सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।