Demonetisation and GST broke the back of small traders, even IIT-IIM youth are unemployed: Rahul Gandhi
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर बड़ा हमला करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी ने छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को बर्बाद कर दिया है। राहुल गांधी ने दावा किया कि यही व्यापारी लाखों लोगों को रोजगार देते हैं, लेकिन सरकार की नीतियों ने उन्हें तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है।
राहुल गांधी ने कहा, “नोटबंदी और गलत जीएसटी ने देश के छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को खत्म कर दिया। इनकी वजह से न केवल उनकी आजीविका प्रभावित हुई, बल्कि इससे जुड़े लाखों लोगों की नौकरियां भी चली गईं। ये व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन आज वे संघर्ष कर रहे हैं।”
उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाया। राहुल ने कहा, “लोग अपने बच्चों की पढ़ाई पर लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन रोजगार न होने के कारण उनके सर्टिफिकेट बेकार हो रहे हैं। आज देश में IIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के ग्रेजुएट्स को भी नौकरी नहीं मिल रही है। यह साफ दर्शाता है कि सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रही है।”
राहुल गांधी ने कहा कि देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी और गरीब सामान्य वर्ग को फिर से गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की नीतियां इन वर्गों को सशक्त करने की बजाय उन्हें कमजोर कर रही हैं।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले साबित हुए हैं। उन्होंने इसे “जनता विरोधी” और “व्यापार विरोधी” नीतियां करार दिया।
ग्राउंड रिपोर्ट्स के मुताबिक, छोटे व्यापारी और दुकानदार राहुल गांधी के बयान से सहमति जताते नजर आ रहे हैं। पटना के एक छोटे दुकानदार रमेश कुमार ने कहा, “नोटबंदी के बाद हमारा कारोबार पूरी तरह ठप हो गया था। अभी तक हम उस नुकसान से उबर नहीं पाए हैं। जीएसटी की जटिल प्रक्रिया ने हालात और मुश्किल बना दिए।”
दिल्ली के एक युवा इंजीनियर आर्यन मिश्रा ने कहा, “मैंने लाखों रुपये खर्च कर अपनी इंजीनियरिंग पूरी की, लेकिन अब तक नौकरी नहीं मिली है। हर जगह अनुभव मांगा जा रहा है, लेकिन शुरुआत करने का अवसर ही नहीं मिल रहा।”
राहुल गांधी के इस बयान को आगामी चुनावों के मद्देनजर विपक्ष की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी अब इन मुद्दों को जनता के बीच जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है।
राहुल गांधी के आरोपों पर अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, भाजपा ने पहले भी इन नीतियों को “देशहित में आवश्यक कदम” करार दिया है।
राहुल गांधी के इस बयान ने एक बार फिर देश में आर्थिक नीतियों और रोजगार संकट पर बहस छेड़ दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या सफाई देती है और विपक्ष इन मुद्दों को चुनावी हथियार के तौर पर कैसे इस्तेमाल करता है।