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प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकारी संघवाद’ विज़न पर आगे बढ़ा देश: वाराणसी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक

वाराणसी | 24 जून 2025 | DNTV India News

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद” के विजन को धरातल पर उतारते हुए सोमवार को वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद (Central Zonal Council) की 25वीं बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने की। बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रीगण व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।

गैर-राजधानी में पहली बार हुई परिषद की बैठक यह पहली बार था जब मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक किसी राज्य की राजधानी से बाहर, प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयोजित की गई। इससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि सरकार सहकारी संघवाद को नई ऊंचाइयों तक ले जाने को प्रतिबद्ध है।

बैठक में उठे कई अहम मुद्दे बैठक में राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और नागरिकों को सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कई मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। चर्चा के प्रमुख विषय इस प्रकार रहे:

आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था

आपदा प्रबंधन और आकस्मिक प्रतिक्रिया प्रणाली (ERSS‑112)

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सेवाएँ

बैंकिंग और वित्तीय समावेशन

शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएँ

सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने की दिशा

गृह मंत्री ने दिया समन्वय का संदेश गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि “राज्यों के बीच संवाद और सहयोग, भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में सबसे बड़ा आधार है।” उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे अंतरराज्यीय समन्वय और साझा लक्ष्यों की भावना को और अधिक मज़बूत करें।

वाराणसी में हुआ भव्य स्वागत बैठक से पूर्व श्री अमित शाह का वाराणसी में भव्य स्वागत हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं ने शंखनाद, डमरू और पारंपरिक स्वागत के साथ गृहमंत्री का अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक स्थल की तैयारियों का स्वयं निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया।

निष्कर्ष प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का संघीय ढांचा सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सहकारी और प्रतिस्पर्धी बन चुका है। वाराणसी में हुई 25वीं बैठक ने इस सोच को धरातल पर उतारते हुए यह दिखा दिया कि अब “एक भारत – श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना सिर्फ नारा नहीं, नीति बन चुकी है।