आरा/भोजपुर। आज देशव्यापी आक्रोश दिवस के तहत आइसा-इंनौस द्वारा आरा रेलवे परिसर में शारिरीक दूरी का पालन करते हुए आक्रोश दिवस मनाया गया।
आक्रोश में संबोधित करते हुए इंक़लाबी नौजवान राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंज़िल ने कहा कि मोदी सरकार कोविड-19 जैसे भयावह महामारी से लड़ने के बजाए रेलवे को पूंजीपतियों को बेचकर इस देश की जनता और छात्र-नौजवानों से लड़ रही है। सरकार ने 150 से अधिक प्राइवेट ट्रेनें चलाने का नया फैसला जारी किया है। रेलवे नौकरी का एक बड़ा सेक्टर है जिसके लिए लाखों छात्र तैयारी करते हैं लेकिन सरकार इसका निजीकरण कर उनके सपनों की हत्या कर रही है। एक तरफ आंकड़ा ये कहता है कि 45 सालों में बेरोजगारी अपने सबसे ऊपरी पैमाने पर है तो दूसरी तरफ नौकरियों को बहाल करने के बजाए मोदी सरकार नौकरियों को खत्म कर रही है।
वहीं आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि रेलवे के पदों में 50% कि कटौती कर मोदी सरकार छात्र-नौजवानों को रोजगार से बेदखल कर देना चाहती है। रेलवे में नौकरी की तैयारी अधिकांश बिहार-उत्तरप्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों से आने वाले छात्र-नौजवान करते हैं। इसबार के NTPC के महज 35000 सीटों के लिए करोड़ों छात्रों ने फॉर्म भरा था लेकिन सरकार ने उसमें भी कटौती कर दी। मोदी सरकार पूंजीपतियों की सरकार है, देश के छात्र-नौजवानों के लिए नहीं है। आने वाले दिनों में अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती तो छात्र-नौजवान पूरे देश भर में ऐसी तानाशाही के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूँकेगी।
इस प्रदर्शन में इंनौस राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंज़िल, आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, इंसाफ मंच राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी, आइसा जिला सचिव रंजन कुमार, जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार, चंदन कुमार, रोशन कुमार, लालजी शर्मा, मंटू कुमार सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।