जॉर्नलिस्ट गौतम कुमार):-
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के वजह से बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है बाहर से आने वाले सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए रखा जा रहा है जिसके लिए रखरखाव में हो रहे खर्चों को सरकार खुद उठा रही है। खाने-पीने से लेकर बिस्तर और मच्छरदानी नहाने के लिए साबुन मुहैया कराई जा रही है।
इस व्यवस्था को लेकर सरकार को प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग 2400 रूपय से लेकर 3000 तक का खर्च प्रत्येक दिन उठा रही है तो ऐसे में आप समझ सकते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति 2400×14=33600₹ हुए। सरकार अपनी फंड से मुहैया कर रही है पर क्या है धरातल पर सच्चाई ।
भोजपुर जिले में लगभग क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों द्वारा लगातार शिकायत मिल रही है की सेंटर के अंदर जाने के बाद रह रहे हैं लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर स्थिति है। कहा जा रहा है कि ना तो रहने की कोई उचित साधन व्यवस्था है और ना ही खानपान की ही उचित व्यवस्था तो दूर की बात कहीं कहीं से तो यहां तक कहा गया की खाने पीने की टाइमिंग में भारी गड़बड़ी है।
बीते दिन मिली खबर के मुताबिक डॉक्टर नेमीचंद शास्त्री स्कूल में कोरोटाइन्स किए गए लोगों द्वारा बताया गया कि चावल से बदबू और दाल में कीड़े भी मिल हैं। खाने में इतनी बड़ी गड़बड़ी की कोई सीमा नहीं कई जगह तो यह भी लोगों को नसीब नहीं हो रहा है।
जबकि जिला प्रशासन चुस्त और दुरुस्त है इसके लिए जिला अधिकारी द्वारा स्वयं कई जगहों पर मुआयना भी किया गया लेकिन फिर भी इस तरह की खबर निकल जाना कहीं न कहीं भारी चूक हो रही है।
आज ही श्रमिको को अच्छा खाना नही मिलने के सवाल पर करेंगे उपवास :-भाई दिनेश
———————————————————————–
श्रमिको को अच्छा खाना मिले, अच्छे से रहने की ब्यवस्था हो ,सम्मानपूर्वक उनसे ब्यवहार हो ,सरकार द्वरा निर्देशित नियमानुसार ऊनपर होने वाली खर्च राशि का बंदरबांट न हो इसके मैं आज 10 बजे दिन से 24 घण्टा के लिए उपवास |
स्थान ;-वीर कुंवर सिंह किला मैदान जगदीशपुर |
भाई दिनेश