आरा/भोजपुर। आज सदर अस्पताल के प्रांगण में रोटरी क्लब ऑफ आरा सेंट्रल व इनरव्हील क्लब ऑफ अरण्य के संयुक्त बैनर तले सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
सम्मान समारोह की अध्यक्षता इनरव्हील अरण्य के अध्यक्षा पुनीता सिंह की नेतृत्व में वृहद स्तर पर आरा के कोरोना कर्मवीर योद्धाओं को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया l
कहा गया कि लॉक डाउन वन से लेकर (Covid-19-5th) अब तक अस्पताल में जिन परम वीरों ने खुद को खतरे में डालकर इस महामारी कोरोनावायरस के खिलाफ जंग जारी रखा, हर तरफ से समाज को जागरुक व गैर जागरूक लोगों को तहे दिल से सहयोग और सेवा पहुंचाया है। अपने परिवार की फिक्र ना करते हुए मंच पर उतरे रहे दिन दोपहर रात तक मन में सिर्फ यह विचार रखे कि यहां लोग अपने हैं और फिर यह देश तो अपना ही है लॉक डाउन और महामारी का भयावह समय जब लोग घरों में डरे सिमटे बैठे थे उस वक्त इन लोगों ने अपने पद और कर्म भूमि की गरिमा पर कभी आंच नहीं आने दिया l आरा की भूमि ऐसे सुरवीरों से0 भरी पड़ी है l जिनमें सदर अस्पताल के अप्सरान, और इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी सब शामिल है l
सदर सुपरिटेंडेंट सतीश सिन्हा को प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्र व चिकित्सा पदाधिकारी के एन सिन्हा को सम्मानित किया गया l साथ ही सदर अस्पताल के सारे डॉक्टर ,मनोज कुमार मैनेजर को फूल माला व प्रशस्ति पत्र दिया गया l
प्रशस्ति पत्र पाने वालो में:-
डॉक्टर प्रतीक, डॉक्टर नरेश कुमार , डॉक्टर विकास सिंह, डॉक्टर प्रभास प्रकाश, डॉक्टर मंडल, जीएलएन गुड़िया कुमारी, रीना वरिष्ठ सहायक, अजय कुमार सिन्हा डाटा ऑपरेटर, एंबुलेंस पिंटू ,संतोष कुमार, धनजी सिंह, स्वाब कलेक्टर प्रमोद कुमार, अरविंद कुमार ,सोनू कुमार ,प्रेस मीडिया गौतम डी एन टीवी, राकेश सिंह ब्यूरो चीफ दैनिक भास्कर, पत्रकार समीर, संजय श्रीवास्तव, हिंदुस्तान से देवराज ओझा, jio टीवी तारकेश्वर प्रसाद, लोक जागृति राजीव नयन अग्रवाल,वाल कल्याण शामिल रहे।
सदर अस्पताल सुपरिटेंडेंट सतीश कुमार सिन्हा व चिकित्सक पदाधिकारी के एन सिन्हा द्वारा इस कार्यक्रम में चार चांद लगाने का काम किया गया जहां सतीश कुमार सिन्हा द्वारा कोविड-19 पर लोगों का व्यथा को जोड़ते हुए एक कविता प्रस्तुत किया गया ।
# हमें डर पर विजय पाना है#
सहमी सहमी से यह धरा, सहमा सहमा अस्मा है।
आज सहमा सहमा हर एक इंसान है।।
जीवन का मोह हमें भयभीत बना रहा है।
कोरोना से ज्यादा, कोरोना का भय हमे हरा रहा है,
कोरोना से ज्यादा, कोरोना का डर हमे खा रहा है।।
सिपाही अगर दुश्मन के पहले, दुश्मन के नाम के डर से घुटने टेक दे।
जब तक इस डर को अपने हृदय से निकाल कर न फेक दे, तब तक जितना मुश्किल है, तब तक जीना मुश्किल है।।
हमारी कमजोरी हमे भयभीत बनाती है।
हम भयभीत हैं इस जीवन की मोह से, हमे डर पर विजय पाना हैं।।
शत्रु अदृश्य है बलवान है और उसका वार सटीक है,
तो हम भी सावधान और निर्भीक है।
यही सावधानी और निर्भीकता हमे विजय दिलाएगी,
आज नही तो कल कोरोना को मार भगाएगी।।
हमारे बीच कई योद्धा हैं जो कोरोना को ललकारा है और उसे पछाड़ा हैं।
आओ अदम इक्षा शक्ति और जज्बे को सलाम करें।
उनका संघर्ष उनकी बहादुरी, जो छुपी है लोगो से उसे आम करे, सरेआम करे।।