आभासी रैली नहीं,रोजगार और कोरोना से सुरक्षा की गारंटी करो। आयकर से बाहर सभी परिवारों को 6 माह तक प्रति माह 7500 रू भत्ता देने की मांग के साथ,मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम 500रू दैनिक मज़दूरी और साल में 200दिन काम की गारंटी करो, किसानों एवं स्वय सहायता समूह के सभी कर्जदारों के कर्ज माफ करो,रास्ते में मारे गए प्रवासी मज़दूरों और कव्रन्टीन सेंटर में मौत के शिकार मज़दूरों को 20-20
लाख रुपये का मुआवजा, दुग्ध और सब्जी उत्पादक किसानों को मुआवजा की मांग पर आयोजित किया गया।
इस मोके पर भाकपा माले नेता क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार प्रवासी मज़दूरों को मदद करने की जगह आभासी रैली करने में गृहमंत्री जुटे हैं नीतीश मोदी की सरकार प्रवासी मज़दूरों को जीस कव्रन्टीन सेंटर में रखी है वह यातनागृह ही है।20लाख करोड़ के घोषित प्रधानमंत्री के पैकेज में प्रवासी मज़दूरों को कुछ नहीं है क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि अब नीतीश कुमार की सरकार प्रवासी मज़दूरों को संभावित कहने लगी है यह बिहार के प्रवासी मज़दूरों को गाली हैं जिसकी हम कड़ी निन्दा करते हैं।राशन कार्ड बनाने के नाम पर भारी अनियमितता बरती गई है।हम मांग करते हैं कि गैर राशन कार्डधारी को न्यूनतम प्रति व्यक्ति 10किलो प्रति माह अनाज उपलब्ध कराई जाय।
इस कार्यक्रम में सामिल प्रमुख लोगों में जनार्दन गोन्ड, सुरेन्द्र पासवान,हरीशंकर साह,कामता प्रसाद बिन्द,विजय निषाद,भूनेश्वर पडीत,रामाशंकर पासवान थे*।