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Bihar

Covid-19 ) भोजपुरी भाषा के प्रति लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की प्रेरणा स्रोत कृतियों को याद करते हुए सामाजिक शोध संस्थान के बैनर तले माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

आरा/भोजपुर। लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर पटेल बस पड़ाव स्थित श्री ठाकुर जी की प्रतिमा पर भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के बैनर तले सामूहिक माल्यार्पण किया गया। 
इस अवसर पर भिखारी ठाकुर एकता मंच परिसर में स्थापित मृदंग वादक एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खान शहनाई वादक के प्रतिमापर भी माल्यार्पण किया गया। 
कार्यक्रम का नेतृत्व भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष नरेंद्र सिंह पत्रकार ने किया। कार्यक्रम में अपना विचार रखते हुए शोध संस्थान के महासचिव पुष्पेंद्र नारायण सिंह ने श्री ठाकुर जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहां की उनके नाटक गीत आज भी प्रासंगिक है। 
श्री सिंह ने ठाकुर जी के नाटक विदेशिया की चर्चा करते हुए कहा उस समय श्री ठाकुर जी ने इस नाटक का मंचन कर समाज को एक नया संदेश दिया था क्योंकि उस समय मौजूदा स्थिति आज की स्थिति से भिन्न थी। उस समय गरीबी से तंग लोग अपनी बेटी बेच देते थे जबकि आज बेटे को बेचा जा रहा है। 
वही गायक धनजी पांडे ने श्री ठाकुर जी का माल्यार्पण करने के पश्चात कहा कि आज जिस तरह भोजपुरी गाना में अश्लीलता पैदा की गई है वह ठाकुर जी के गीतों में नहीं था और था भी तो संस्कृति के अंतर्गत था जिसे लोग हंसी मजाक में ले लेते थे पर आज ऐसे ऐसे गीतों की प्रस्तुति की जा रही है जो घर और परिवार के बीच न ही सुना जा सकता है। 
श्री पांडे ने भोजपुरिया समाज से अपील किया की अश्लीलता के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करें सच्ची श्रद्धांजलि श्री ठाकुर जी को यही होगी।
 कार्यक्रम में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन भोजपुर के जिला संयोजक नरेंद्र सिंह ने विगत 20 सालों से यहां हो रहे कार्यक्रमों पर एक संक्षिप्त बातें रखी। कार्यक्रम में विजय सिंह अमरेश कुमार सिंह शंकर जी गांधीजी अजय सिंह सहित कई अन्य अपने अपने विचार रखते हुए कहा कि जब तक भोजपुरी आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं हो जाती तब तक भोजपुरिया समाज को दलबल से हटकर चरणबद्ध आंदोलन चलाना चाहिए। यहमंच इस मुद्दे पर अग्रणी भूमिका निभाते आ रहा है और आशा है की आगे भी निभाएगा।