खबरदार, देश के छात्र-नौजवान हैं तैयार/बेचने का फैसला वापस लो।आइसा-इनौस
आरा/भोजपुर। आइसा और इनौस के द्वारा सरकारी संस्थानों के निजीकरण के खिलाफ अपने देशव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत आज रेलवे पूर्वी गुमटी से विरोध मार्च निकाल रेलवे स्टेशन परिसर में सभा मे तब्दील हो गया। प्रतिरोध मार्च और सभा की अध्यक्षता आइसा जिला अध्यक्ष पप्पू कुमार ने किया।
रेलवे स्टेशन परिसर में छात्र-नौजवानों के सभा को संबोधित करते हुये आइसा के बिहार राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा की मोदी सरकार लागतार देश की संपदा/सरकारी कंपनियों को बेच रही हैं जिसके कारण देश मे रोज़गार का संकट पैदा हो गई हैं। नौजवानों के पास रोजगार नही हैं।केंद्र और राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण करोना के पहले ही देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई और बेरोज़गारी दर उच्चतम स्थिति तक पहुँच गई और करोना महामारी की दो लहरों के कारण करोड़ों लोगों को बेरोज़गार होना पड़ा है।
सरकार के पास युवाओं को रोज़गार देने की कोई योजना नहीं है और उसने उनके हाल पर छोड़ दिया है रोज़गार नहीं मिलने से युवाओं में हताशा बढ़ रही है जिसके कारण उनमें आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही है। वही दूसरी तरफ रोज़गार पैदा करने देश के तमाम सरकारी संस्थानों को धरल्ले से निजीकरण किया जा रहा है , जिसके खिलाफ आइसा-इनौस पूरे देश भर में आंदोलन चलाता रहेगा।
सभा को संबोधित करते हुऐ इनौस जिला संयोजक शिव प्रकाश रंजन ने कहा कि मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद देश के लाइफ लाइन भारतीय रेलवे के निजीकरण का ऐलान किया अब इसे आगे बढाते हुए एयर इंडिया ,बैंक ,संचार निगम,कोल इंडिया,भारत पेट्रोलियम सहित देश के हर सरकारी संसाधन के निजीकरण का एलान कर दिया है।
निजीकरण के जरिये दरअसल जनता को फिर से गुलाम बनाने की शाजिस चल रही है इस रास्ते से सरकार मुनाफे का निजीकरण तथा घाटे का सरकारीकरण कर रही है। जिस वजह से आज बेरोजगारी ने पुराने सारे रिर्काड तोड़ डाले हैं. लेकिन सरकार रोजगार के लिए कोई फहल नही कर रही है।
प्रतिरोध सभा मे इन्साफ़ मंच के राज्य सचिव क़यामुदिन अंसारी, आइसा के जिला संयोजक सुशील यादव, इनौस के नगर संयोजक धीरेंद्र आर्या, निरंजन केसरी,मुना गुप्ता, रौशन कुशवाहा,इन्साफ़ मंच के जिला सचिव गांधी राम,राकेश कुमार, मिर्तुंजय, रमेश, अमरेंद्र, रविकांत, मनीष शामिल हुए।