आरा/भोजपुर। 3 जुलाई. बापू को भारत क्या विश्व में शायद ही कोई ऐसा होगा जो नही जानता होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बापू का भोजपुर से क्या नाता है? बापू यहां कब आये थे? बापू को आरा में आये हुए 101 वर्ष हो गया है।
कोविड के कारण शताब्दी वर्ष पिछले साल नही मन पाया तो सांस्कृतिक संगठन सर्जना ने बापू के इस संस्मरण को दुनिया को बताने के लिए इस वर्ष यह शताब्दी वर्ष मनाने की ठानी है जो 5 जुलाई से प्रारम्भ होगा. यह शताब्दी समारोह अगले ढाई महीने तक चलेगा जिसमें अलग-अलग कई गतिविधियों के जरिये बापू को याद किया जाएगा।
बापू आरा के एक पुस्तकालय में 101 वर्ष पूर्व आये थे और उसका उद्घाटन किया था. बाद में उस भवन के एक कमरे को बापू के नाम से ही नामित कर दिया गया. इस आयोजन में ऐसे सभी पहलुओं को कला और साहित्य के माध्यम से छूने की कोशिश होगी जिसमें आम जन की भागीदारी और उनतक बापू के भोजपुर आगमन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को याद दिलाया जाएगा. कार्यक्रम का उद्घाटन 5 जुलाई को सदर अनुमंडल अधिकारी वैभव श्रीवास्तव अपने ऑफिस से ऑनलाइन के जरिये करेंगे.