जिस सरकार को अन्नदाताओँ का दुःख दर्द और तकलीफ़ महसूस नहीं होती उस सरकार का दिल दिमाग और आत्मा बंजर है।
किसान जो देश की रीढ़ हैं उन्हें गरीब रखकर क्या देश कभी समृद्ध, सक्षम, सबल बन पाएगा?
जिस मुँह से अन्नदाताओं का उगाया अन्न खाते हैं उसी मुँह से फंडदाताओं के फ़ायदे के लिए देश के किसानों के विरुद्ध दुष्प्रचार करते, अपशब्द कहते लज्जा नहीं आती?
आज किसानों के हित में और तीन काले कृषि क़ानूनों के विरुद्ध भारत बंद सफल बनाने के सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को धन्यवाद।
– श्री तेजस्वी यादव, माननीय नेता प्रतिपक्ष
भारत कृषकों के परिश्रम से ताकत पाकर बढ़ने वाला कृषि प्रधान देश है। यह मुट्ठीभर पूंजीपतियों का क्रोनी कैपिटलिज्म प्रधान देश नहीं।
घोर पूंजीवाद समस्त धन को मुट्ठीभर लोगों की झोली में डालता है जबकि किसान सबके लिए अन्न पैदा करता है।
इसीलिए हम किसानों और भारत बंद के साथ है। श्री लालू प्रसाद
भारत बंद को बिहार समेत देशभर में स्वतः समर्थन मिल रहा है क्योंकि पूरा देश यह जानता है कि किसानों के साथ गलत हो रहा है।
केंद्र सरकार की तीनों काले कानूनों के द्वारा किसानों के भविष्य को अंधकारमय बनाकर उनके खेतों को पूंजीपति मित्रों के हवाले करने की योजना है।
— श्रीमति राबड़ी देवी , पूर्व मुख्यमंत्री