(जॉर्नलिस्ट गौतम कुमार गुप्ता)
बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति के प्रमंडलीय मंत्री नीतीश कुमार सिंह ने माननीय अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 10 जून के प्रस्ताव में अधिवक्ताओं के संरक्षण विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन करने एवं मसौदा तैयार के लिए सात विद्वान कानूनविदों को शामिल करने को ऐतिहासिक कदम बताया ।जिनमें निम्नलखित नाम प्रमुख है।
◆ वरिष्ठ अधिवक्ता एस प्रभाकरण , वाइस चेयरमैन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया;।
◆वरिष्ठ अधिवक्ता देवी प्रसाद ढाल, कार्यकारी अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट;।
◆अधिवक्ता सुरेश चंद्र श्रीमाली, सह-अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ इंडिया;।
◆अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे , सदस्य, बार काउंसिल ऑफ इंडिया;।
◆अधिवक्ता ए रामी रेड्डी, कार्यकारी उपाध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट;।
◆अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी, सदस्य, बार काउंसिल ऑफ इंडिया; और
◆अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह, सदस्य, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ।
एडवोकेट्स बिरादरी के सदस्यों पर लगातार और अक्सर हिंसक शारीरिक हमलों” पर गहरी चिंता व्यक्त करने एवं केंद्र और राज्य सरकारों के लिए इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का अल्टीमेट देने, ऐसा न करने पर देश के अधिवक्ताओं को देश भर में आंदोलन का सहारा लेने पर मजबुर होने की प्रस्ताव को पास करने के लिए नीतिश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं उनके हरेक कदम में पुरा अधिवक्ता समाज साथ देने का भरोसा जताया।
नीतिश कुमार सिंह ने आगे बताया कि प्रस्ताव में
” इस पर चर्चा और पीड़ा के साथ विचार-विमर्श किया गया था कि यह देखना बेहद दुखद है कि यह अधिवक्ता बिरादरी है जो देश के नागरिकों को न्याय प्रदान करते है; और इस कारण से उन्हें अधिकांश मामलों को दर्ज और बहस करना पड़ता है जो कि खूंखार ,असामाजिक तत्वों और अपराधियों के खिलाफ होता हैै,, लेकिन अधिवक्ता स्वयं ऐसे तत्वों के खिलाफ न्यूनतम पर्याप्त सुरक्षा के बिना रह गए हैं। ऐसे मामलों के परिणामस्वरूप, अधिवक्ता अक्सर ऐसे आपराधिक और असामाजिक तत्वों के लक्ष्य पर होते हैं ,,।
10 जून को पारित प्रस्ताव में आगे कहा गया है।
वकील राम शर्मा और उनकी पत्नी को जयपुर में अपराधियों द्वारा गंभीर रूप से घायल किया गया था, बीसीआई ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर दोषियों को गिरफ्तार करने और मामले में निष्पक्ष और शीघ्र जांच करने के लिए तत्काल कदम उठाने का संकल्प लिया। इसके अलावा, बीसीआई ने यह भी सूचित किया कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री को राज्य में अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिखेगा।
कर्नाटक के एक वकील द्वारा पुलिस स्टेशन में हिरासत में मौत के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका और तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के खिलाफ कुछ अन्य मामलों पर भी ध्यान दिया गया।
10 जून की बैठक में, बीसीआई ने “एडवोकेट्स बिरादरी के सदस्यों पर लगातार और अक्सर हिंसक शारीरिक हमलों” पर गहरी चिंता व्यक्त की हैं।
विधेयक का उद्देश्य कानूनी बिरादरी के सदस्यों को पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा ताकि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता किए बिना, निडर होकर अदालत के अधिकारियों के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
आपका
नीतिश कुमार सिंह,अधिवक्ता सह प्रमंडलीय मंत्री बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति,पटना बिहार।