अपने-अपने घर में पानी रख पक्षियों का जीवन बचाएं: महापौर
पटना| सुबह की खूबसूरती उन पक्षियों से है जिनकी चहचहाहट हम मनुष्यों के अंदर रोमांच और ऊर्जा भर देती है। मगर धीरे-धीरे हमारे ये साथी कब हमारे आंगन, छज्जों और बालकनी से दूर हो गए…हमें इसका एहसास भी नहीं रहा। इसके पीछे एक वजह है इन बेजुबानों के प्रति हमारी उदासीनता।
गर्मी के बढ़ते ही विश्व में जल संकट बढ़ जाता है। शहरों में तालाब और पोखरों के खत्म होने से पशु-पक्षियों के लिए पानी की उपलब्धता भी सीमित हो जाती है। जैव विविधता को बरकरार रखने और विलुप्त होते प्राणियों के इस संकट को कम करने के लिए पटना नगर निगम की महापौर श्रीमती सीता साहू ने निगम की जैव विविधता समूह के सदस्यों के साथ मिलकर एक पहल की है।
मंगलवार को महापौर द्वारा पटना सिटी स्थित आवास की छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था हेतु अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर समिति के सदस्यों के साथ-साथ अन्य समाजसेवियों ने भी अपने-अपने घरों पर पक्षियों के खाना और पानी की व्यवस्था करने की शपथ ली।
इस अवसर पर महापौर एवं जैव विविधता समिति के सदस्यगण द्वारा शहरवासियों से यथा संभव अपने घर की बालकनी, खिड़की, आंगन या छत पर पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था रखने एवं प्रतिदिन उस पानी को बदलते रहने की अपील की है। मशहूर लोकगीत _“कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा…”_ के बोल दोहराते हुए महापौर ने कहा, _“हमारी संस्कृति में प्यासे को पानी पिलाने का बहुत महत्व है। गर्मी के मौसम से कोई कूरियर वाला भी हमारे घर आता है तो उसे गुड़ और पानी देने की परंपरा है। इसी तरह हमें बेजुबान पशु पक्षियों की जरूरतों के प्रति भी सजग होना होगा। यह ना केवल हमारे अपने लिए बल्कि धरती के लिए भी आवश्यक है।”_
पटना नगर निगम की जैव विविधता समिति के अध्यक्ष एवं सशक्त स्थायी समिति के सदस्य श्री डॉ. आशीष सिन्हा ने शहरवासियों से अपील की कि वे पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी मिट्टी के बर्तन में रखें। उन्होंने कहा, _“मिट्टी के बर्तन में पानी लंबे वक्त तक ठंडा रहता है। परन्तु प्लास्टिक या स्टील के बर्तन में पानी जल्द गर्म हो जाता है। अत: मिट्टी के खुले मुंह वाले बर्तन श्रेष्ठ होते हैं।”_
इस अवसर पर पटना नगर निगम की वार्ड संख्या 53 की पार्षद श्रीमति किरण मेहता, वार्ड 57 की पार्षद श्रीमति स्मिता रानी, वार्ड 59 की पार्षद श्रीमति नीलम कुमारी, जैव विविधता प्रबंधन समिति के सदस्य श्री मृत्युंजय मानी, समाजसेवी श्री शिशिर साहू, श्री राजू मेहता अपस्थित रहे।