Covid-19 } निजी कोविड अस्पतालों में गरीबों के लिए नही है कोई सुविधा, दस हजार रुपया लगता है प्रतिदिन का खर्च! – मनोज मंज़िल*
“प्रेस विज्ञप्ति”
*निजी कोविड अस्पतालों को सरकार द्वारा नही मिल रहा है ऑक्सीजन, मरीजों की हो रही है मौत!- कयामुद्दीन अंसारी*
*जिला में अधिक से अधिक निजी अस्पतालों को सरकार अपने नियंत्रण में ले, कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों की संख्या बढ़ाए! – माले*
*भाकपा – माले का प्रतिनिधि मंडल आरा में सरकार द्वारा निजी अस्पतालों को बनाये गए कोविड सेंटरों का लिया जायज़ा!*
भाकपा – माले द्वारा जारी हेल्प लाइन नबरों पर जनता द्वारा निजी कोविड सेंटरों का मिल रहा था शिकायत*
आरा, 1 मई 2021
भाकपा – माले केंद्रीय कमिटी सदस्य व अगिआंव विधायक मनोज मंज़िल व आरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी कयामुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में आज भाकपा – माले का प्रतिनिधिमंडल आरा शहर में सरकार द्वारा निजी अस्पतालों को बनाये गए कोविड सेंटरों का जायज़ा लिया।
प्रतिनिधिमंडल में आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, माले मीडिया प्रभारी चन्दन कुमार, इनौस नेता राकेश कुमार, आइसा नेता गोलू कुमार शामिल थे।
शहर के चंदवा स्थित हेल्थ हेवेन अस्पताल व जज कोठी मोड़ स्थित सुनीलम अस्पताल का जायज़ा लिया जहां प्रतिनिधिमंड ने पाया कि इन निजी कोविड अस्पतालों में गरीबों के लिए कोई सुविधा नही है, यहां केवल ऑक्सीजन, बेड चार्ज आदि के लिए दस हजार रुपया प्रतिदिन का खर्च देना पड़ता है और दावा का अलग से कीमत चुकानी पड़ती है।
अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि हमारे पास ऑक्सीजन की घोर कमी रहती है और प्रसाशन ने हमे मैन पवार देने की बात कही थी लेकिन इस दिशा में कोई करवाई नही हुई। अस्पताल से कोरोना मरीजों , मृत मरीजों को लाने ले जाने के लिए एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था नही है। निजी एम्बुलेंस 20,000 रुपए का डिमांड करते हैं। कोरोना मरीजों के लिए केवल 20 बेड का ही व्यवस्था है एक भी वेंडिलेटर नही है ऑक्सीजन बेड केवल 9 है। रेमेडिसिवर दवाव भी उप्लब्ध नही है।
माले नेताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के त्राहिमाम परिस्थिति में भी सरकार घोर लापरवाही कर रही है। एक तरफ कहती है कि निजी अस्पतालों को कोविड सेंटरों में बना है लेकिन जब माले का प्रतिनिधिमंडल जायजा लेने पहुंचा तो ऑक्सीजन, कोरोना से आधारति जीवन रक्षक दवावों की कमी दिखी इससे यह अस्पस्ट है कि मोदी सरकार की कोरोना के प्रति लापरवाह रवैये ने देश को भीषण संकट में धकेल दिया है जिससे लाखों जानें जा रही हैं।अस्पताल,इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में पूरे देश में त्राहिमाम की स्थिति है।
नेताओं ने बिहार सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर जमीनी कोशिशें और ठोस तैयारी तेज़ नही हुईं तो बिहार का वही हाल होगा जो उत्तरप्रदेश का हुआ है! उन्होंने निजी कोविड सेंटरों व नीचे के अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करते हुए जांच की गति बढ़ाने,टीकाकरण तेज़ करने और कोरोना मरीजों के लिये पर्याप्त ऑक्सिजन-वेंटीलेटर युक्त बेड की व्यवस्था तत्काल करने की मांग की है।
नेताओं ने कहा कि स्थिति को देखते हुए अधिक से अधिक निजी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में लेकर कोरोना मरीजों के लिए बेड़ों की संख्या बढ़ाए नही तो और पीड़ितों और मृतकों की संख्या बढ़ेंगे। जिला में भयावह स्थिति उतपन्न हो जाएगी।