सनोवर खान ब्यूरो रिपोर्ट पटना।
पटना सिटी:जन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले करोना वैश्विक महामारी बीमारी को लेकर लॉकडाउन में बंद पड़े बड़े छोटे उद्योग व कल कारखाने एवं दुकान, होटल ,शिक्षा संस्थान ,सहित अन्य कमर्शियल एवं इंडस्ट्रीयल विद्युत उपभोक्ताओं एवं घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत फिक्स चार्ज से मुक्त करने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा का शिष्टमंडल अनुमंडल पदाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर मांग की गई। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव रतन प्रसाद का कहना है कि कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा के कारण पूरा देश में लॉक डॉन है।
लॉक डाउन के कारण बड़े छोटे उद्योग कल- कारखाने एवं दुकानदार होटल तथा शिक्षण संस्थान सहित अन्य व्यवसाय प्रतिष्ठान स्थान भी पूर्णता बंद पड़े हैं। जिसके कारण आर्थिक संकट बढ़ा है। व्यवसाय को कैसे बचाया जाए इस गंभीर समस्या और चुनौती का सामना भी व्यवसाययिक वर्ग को करना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में विद्युत फिक्स चार्ज जमा करना मुश्किल ही नहीं असंभव प्रतीत होता है। जन संघर्ष मोर्चा के महासचिव उमेश कुमार पंडित ने भी कहा है कि भविष्य में भी करोबार की स्थिति होगी की नही यह भी कहना बड़ा मुश्किल है क्योंकि व्यवसाय का पूरा सिस्टम ही पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।
जन संघर्ष मोर्चा के शिष्टमंडल ने दिनांक 4:05: 2020 को अनुमंडल पदाधिकारी पटना सिटी से मिलकर मांग पत्र सौंपा था तथा संबंधित समस्या के निदान हेतु गंभीरतापूर्वक कदम उठाने की मांग किया था। वही पूर्व पार्षद बलराम चौधरी का कहना है कि इस करोना जैसी वैश्विक महामारी बीमारी को देखते हुए भारत सरकार के आदेश अनुसार पूरे भारत में लॉक डॉन कर दिया गया। इस लॉक डॉन के दौरान व्यवसाय वर्ग के भाइयों पर गहरा असर पड़ा है। ऐसी स्थिति में लोग लॉकडॉन का पालन कर रहे है सोशल डिस्टेंसशन का उपयोग कर रहे है मजदूर भाइयो लोग घरों में बंद है। वैसे स्थिति में जो अन्य राज्य हैं उत्तर प्रदेश ,बंगाल ,हरियाणा, दिल्ली, राज्यो ने छोटे उपभोक्ता पर 5 से 10 परसेंट बिजली माफ किया है ऐसी स्थिति में बिहार सरकार को भी हमारी मांग को मानना चाहिए अगर बिहार सरकार हमारी मांग पूरी नहीं करती है तो जन संघर्ष मोर्चा आंदोलन करेगी।अब देखना यह है कि क्या बिहार सरकार अन्य राज्यो की तरह बिहार राज्यो में इस तरह का कदम उठाती है है यह नही?