प्रेस रिलीज।
आरा/भोजपुर। (जॉर्नलिस्ट गौतम कुमार) छात्र संगठन आइसा ने यूजीसी द्वारा जारी मिश्रित शिक्षा प्रणाली के सर्कुलर के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत प्रतिवाद दिवस मनाया।
आइसा नेताओं ने कहा कि यूजीसी द्वारा 20 मई को एक सर्कुलर जारी कर मिश्रित शिक्षा प्रणाली अर्थात् ऐसी शिक्षा प्रणाली जिसमें सभी विषय ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम में भी पढ़ाए जाएं, को लागू करने की बात कही है।
इस सर्कुलर द्वारा सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन पढ़ाने की अनुमति दी गई है।
कार्यक्रम के दौरान आइसा के बिहार राज्य सचिव भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आपदा को एक बड़ा अवसर बनाते हुए पिछले साल बिना किसी लोकतांत्रिक संवाद के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पास करवाई थी। जिसमें गरीब, वंचित समुदायों से आने वाले छात्रों को शिक्षा से दूर कर देने, सामाजिक न्याय, आरक्षण को शिक्षा जगत से गायब कर देने का भरपूर प्रयास किया गया है।
आइसा जिलाध्यक्ष पप्पू ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा छात्रों को ‘लिबरेट’ करने और विभिन्नता को बनाएं रखने के नाम पर लाया जाने वाला यह प्रस्ताव आम छात्रों को शिक्षा से और बेदखल कर देगा। डिजिटल डिवाइड की वजह से महामारी के बीच ऑनलाइन क्लासेज से छात्र और शिक्षक किस तरह परेशान हुए और अंततः शिक्षा से दूर हो गए यह हम सबके सामने है।
इसलिए यूजीसी के इस प्रस्ताव के खिलाफ आइसा ने 2 जून से 6 जून तक देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला लिया है। जिसमें यूजीसी द्वारा दिये गए मेल पर देशभर से छात्रों को मेल करने की अपील करना, इस अभियान में शामिल होने की अपील के साथ शिक्षाविदों/ शिक्षकों का वीडियो/स्टेटमेंट लेकर सोशल मीडिया पर चलाना, ऑनलाइन परिचर्चा, सोशल मीडिया लाइव इत्यादि करना होगा।
*इसके साथ ही इस मुद्दे पर 6 जून को अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस मनाना है।*
इस दौरान ……मौजूद थे।
भोजपुर आइसा के जिला सहसचिव शुशील यादव,संजय कुमार,राहुल कुमार,चंदन कुमार,मीकू,रविकांत मौजूद थे।
*जारी*
*पप्पु कुमार*
*जिलाध्यक्ष भोजपुर,आइसा*