नमामि गंगे प्रोजेक्ट से बने गढे आमलोगों के लिए बनी ‘आफत’, पटना के कई इलाकों में सड़कें हुईं जलमग्न।
पटना/बिहार।(जॉर्नलिस्ट गौतम कुमार) नमामि गंगे प्रोजेक्ट द्वारा राजीव नगर रोड न०-8डी में पाइप लाइन बिछाया जा रहा है। जिससे पुरे मुहल्ले क्षेत्र में व सड़क को गढे कर पाइप बिछाकर ऊपर से जैसे तैसे मिट्टी बिछा गया है।
जैसे तैसे मिटी बिछाने से कई जगहों पर बना गढ़े में भरे पानी व फिसलन नुमा रास्ता मुहल्ले वासियों सहित आमजनता के बड़ी समस्या बन गई हैं।
हर रोज कोई न कोई फिसलन नुमा रास्ते का शिकार होते है कभी बाइक चालक गिरते है तो कभी राह चलते लोग।
इस समस्या के शिकार मुहल्ला वासियों द्वारा पहल करते हुए ठेकेदार से शिकायत किया गया जिसके जबाब में ठेकेदार ने अपना पला झड़ते हुये यह कह कर निकल लिये की ये मेरा काम नहीं हैं।
पानी की निकासी के रास्ते नही होने से जगह-जगह पर पहले से ही पानी लगी हुई थी अब नतीजा यह हुआ कि यास चक्रवाती तूफान के चलते जमकर हुई पहली बारिश में ही राजधानी के सभी मुहल्ले व सड़के जलमग्न हो गया है।
लगभग राजधानी पटना के कई इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई हैं और अब बारिश के बाद लोग पानी में चलते देखे जा रहे है। जो खतरे से खाली नही है।
मौके पर मौजूद अधिवक्ता व प्रमंडलीय मंत्री ,बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति,पटना के नीतीश कुमार सिंह द्वारा कहा गया कि इस दौरान लोग कोरोना को लेकर भी डर बना हुआ है साथ ही साथ सरकार की कई खामियां को दर्षाते हुए बताया गया कि राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस बार मानसून में राजधानीवासियों को जलजमाव की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन जो तस्वीरें सामने आ रही है, वो सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं. पटना के स्टेशन रोड में बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. वहीं, गांधी मैदान के आसपास भी जलजमाव की समस्या है।
इस इलाके से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अन्य इलाकों का भी यही हाल है. ऐसे में सवाल उठता है कि चंद घंटों की बारिश से जब राजधानी का यह हाल है, तो मॉनसून में पटना की क्या स्थिति होगी? सरकारी नाकामी की वजह से राजधानी पटना कहीं फिर से 2 साल पहले की तरह इस बार भी डूब न जाए. ये सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है. सरकार का सिस्टम डूब गया है और वो गहरी नींद में सोई है.”।।