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Covid-19 ) कमरतोड़ महँगाई के खिलाफ वामदलों ने निकाला प्रतिरोध मार्च / सरकार की कमरतोड़ महँगाई से गरीब बेहाल-वामदल / सरकार महँगाई पर नियंत्रण करे-सुदामा प्रसाद!

आरा/भोजपुर। वामदलों के अखिल भारतीय विरोध पखवाड़ा के तहत आज आरा में वामदलों ने निकाल प्रतिरोध मार्च!यह प्रतिरोध मार्च पूर्वी गुमटी से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए टाउन थाना चौक पहुंचा,वहाँ पर सभा आयोजित की गयी !
वहाँ सभा की अध्यक्षता भाकपा-माले आरा नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने किया!इस दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि कोविड-19 व लॉकडाउन के तबाही भरे दौर में जनता की क्रय शक्ति बढ़ाने की बजाय मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल वह आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को लगातार बढ़ा कर उनके जीवन को गहरे संकट में डाल दिया है,2 जून 2021 को आए विधानसभा चुनाव परिणाम से लेकर अब तक इस सरकार में कम से कम 21 बार पेट्रोलियम पदार्थों का दाम बढ़ाया है,हालांकि यह है कि आज डीजल की कीमत प्रति लीटर लगभग ₹100 और पेट्रोल की कीमत 100₹ पार कर गई है! डीजल कीमत में बढ़ोतरी से महंगाई को बढ़ाती है!सरसों तेल की कीमत भी प्रति लीटर ₹200 पार कर रही है!
आगे माले विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि खाद्य पदार्थों के मूल्य में अप्रैल महीने में 5% प्राथमिक स्तर की वस्तुओं के मूल्य में 10.16% और विनिर्मित उत्पादों के मूल्य में 9.01प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है कुदरा मार्केट तक पहुंचते-पहुंचते वस्तुओं की कीमत और भी बढ़ जाती है!कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हैं मुद्रास्फीति की दर में मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12.94% पर पहुंच  गई है!
आगे भाकपा-माले केन्द्रीय कमेटी राजू यादव ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ाने के पीछे सरकार अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि का गलत तर्क देती रहती है 2008 में जब कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में ₹147 प्रति बैरल थी तब हमारे देश में पेट्रोल की कीमत ₹45 प्रति लीटर थी और आज जब अंतरराष्ट्रीय कीमत घट कर 61डाँलर प्रति बैरल है हमारे देश हमारे यहां पेट्रोल की कीमत 100₹ प्रति लीटर अधिक हो गई है, पेट्रोल पदार्थों के दामों में बेतहाशा वृद्धि का मूल कारण है सरकार द्वारा इन उत्पादकों पर लगाया गया अभूतपूर्व टैक्स है! अभी सरकार पेट्रोल पर 60% और डीजल पर 64% टैक्स ले रही है जबकि मोदी सरकार ने इस देश में 28% अधिकतम जीएसटी टैक्स का निर्धारण किया है फिर भी यह सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर 60 ℅ टैक्स ले रही है जो सरासर जनता को लूट रही है!
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान दिया था कि आखिर कोविड के टीके का पैसा कहां से आएगा अर्थात मोदी सरकार को कोविड के टीके की आड़ में देश की जनता को लूट रही है ठीक इसी दौरान कारपोरेट घरानों के लाखों-करोड़ों पर माफ कर दिए गए है जनता की बजाय कारपोरेट घरानों पर टैक्स लगाकर सरकार इस समस्या का समाधान कर सकती थी लेकिन कारपोरेटपरस्ती तो इस सरकार के मूल आत्मा बनी हुई है!
जहां तक सरसों तेल का कीमत है जो है,2013-14 में 78.77 लाख टन की तुलना में 2020-21 में 104.27 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ है सरकार यह बताएं कि जब उत्पादन बढ़ रहा है तब सरसों तेल की कीमत 200₹ क्यों पहुंच गई?2014 में सरसों तेल की कीमत प्रति लीटर 100₹ से नीचे थी!
महंगाई बढ़ने का एक दूसरा  बड़ा कारण सत्ता के संरक्षण में आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी है आज देश भयानक आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है बेरोजगारी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है लोगों की क्रय शक्ति बहुत कमजोर हो गई है और भूख का भूगोल लगातार विस्तृत होता जा रहा है एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दौर में तकरीबन 28 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं और लाखों लाख लोगों को रोजगार छीन लिया गया है ऐसी स्थिति में लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना किसी भी संवेदनशील सरकार का पहला काम होना चाहिए लेकिन सरकार कालाबाजारी और जमाखोरी को संरक्षण दे रही है!लॉकडाउन में हमने देखा कि किसान इस प्रकार अपने उत्पादकों को मिट्टी के भाव बेचने पर मजबूर हुए फिर व्यापारियों ने उसी का कालाबाजारी की!कोविड के दूसरे चरण में हम सबने आवश्यक वस्तुओं,ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य स्वास्थ्य उपकरणों की कालाबाजारी होते देखा है!यह आम जनता पर दोतरफा मार है! हमारी पार्टी का मांग सरकार के इसके खिलाफ तत्काल कड़े कदम उठाए और महंगाई को नियंत्रित करें!
आगे सीपीआई के जिला सचिव दिवाकर राय ने कहा कि लॉकडाउन के भयानक मार झेल रही आम जनता के लिए सरकार की घोषणाएं नाममात्र है!हमारी मांग है कि इनकम टैक्स के दायरे से बाहर सभी परिवारों के लिए सरकार अगले 6 महीने तक 250₹ प्रति रोज के हिसाब से प्रति परिवार  7500₹ प्रतिमाह गुजारा भत्ता दे!प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिवाली तक सिर्फ 5 किलो चावल-गेहूं देने की घोषणा भी बेहद अपर्याप्त है!सिर्फ चावल- गेहूं से गुजारा कैसे संभव होगा? हमारी मांग है कि सरकार प्रति व्यक्ति प्रति महीना 10 किलो की दर से 6 महीने तक चावल-गेहूं के अलावा दाल,तेल,चीनी, चाय,मसाले आदि प्रदान करें तो नहीं तो आगे आने वाले दिनों में इन सवालों पर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा!
सभा में माले राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी, सीपीएम जिला सचिव ज्योतिष कुमार,सीपीएम के पूर्व जिला सचिव शिवकेश्वर राय,आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार,ऐपवा जिला सचिव इंदू सिंह,नीलम कुँवर,माधव सिंह,अमीनुद्दीन,हरेंद्र सिंह,उत्तम गुप्ता,पप्पू कुमार, राजनाथ राम,अमीत बंटी, बिष्णु ठाकुर,अजय गाँधी,विजय ओझा,आशुतोष पाडेय,रामेश्वर सिंह,उपेंद्र भारती, मुनीर आलम,कमलेश यादव,शहनवाज आलम,जीतन चौधरी,रामानुज जी,अभय कुशवाहा आदि सैकड़ों लोग शामिल थे!

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