Covid-19) अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यव समिति के आह्वान पर कल भारत बंद, भोजपुर में तैयारी पूरी।
माले व अखिल भारतीय किसान महासभा पूरी ताकत के साथ उतरेगी बंद में, आज शहर से लेकर गांव तक निकलेगा मशाल जुलूस।
तीनो कृषि कानून को निरस्त करने, देश बेचने व महंगाई के खिलाफ भारत बंद! – जवाहरलाल सिंह
आरा/भोजपुर। भाकपा – माले जिला सचिव जवाहरलाल सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यव समिति के आह्वान पर कल भारत बंद रहेगा। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है।
माले व अखिल भारतीय किसान महासभा पूरी ताकत के साथ उतरेगी बंद में, आज शहर से लेकर गांव तक निकलेगा मशाल जुलूस। बंद को ऐतिहासिक बनाने के लिए गांव – गांव में बैठे हुए, जगह – जगह प्रचार टीम द्वारा नुक्कड़ साभा कर लोगों से बंद में उतरने व सहयोग करने का अपील किया गया। जिले के दुकानदार, व्यवसाई, वाहन चालक/मालिकों और नागरिक बंधुओं से भी बंद में सहयोग के लिए अपील किया गया है।
बंद के मांगे किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करो, प्रस्तावित बिजली विधेयक वापस लो, देश के संसाधनों-प्रतिष्ठानों को बेचना बन्द करो, मंहगाई पर लगाम लगाओ। बिजली बिल और रसोई गैस का दाम हाफ करो, कोरोना काल में मारे गए सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा दो।स्वास्थ्य उपकेंद्रों सहित सभी अस्पतालों की स्थिति में सुधार करो।जीडीपी का 6 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करो, 19 लाख रोज़गार देने का वादा पूरा करो। सभी विभागों के खाली पदों को अविलंब पूरा करो, बाढ़ प्रभावित सभी गांव-पंचायतों को राहत दो, किसानों-बटाईदारों को प्रति एकड़ 30 हज़ार रुपये का मुआवजा दो, मनरेगा मज़दूरों का कार्ड,काम और समय पर मज़दूरी भुगतान की गारंटी करो। मनरेगा दैनिक मज़दूरी 600 रुपये करो है।
जवाहर लाल सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ पूरे देश के लोगों में व्यापक आक्रोश व गुस्सा है, हम देश और बिहार की जनता खासकर मजदूर-किसानों के साथ -साथ छात्र,नौजवानों से अपील करते है कि भारत बन्द के दिन कल 27 सितंबर को सड़कों पर अधिक से अधिक संख्या में उतरें और मोदी सरकार के खिलाफ अपने गुस्सा-आक्रोश को सड़क पर उतर प्रकट करें।उन्होंने ने यह भी अपील किया कि बन्द को इतना असरदार और ऐतिहासिक बनांएँ की मोदी सरकार मुद्रीकरण-निजीकरण कर देश की संपत्ति बेचने,देश पर कम्पनी राज थोपने, मजदूर किसानों को गुलाम बनाने वाले काला कानून थोपने,रोजगार छिनने तथा स्वास्थ्य और शिक्षा को चौपट करने की हिमाकत नहीं कर सके।