आरा/भोजपुर। गंगा नदी मे आयी प्रलयकारी बाढ ने लोगों के जीवन को तहस-नहस कर दिया। बाढ़ पीड़ितों ने आज आरा अंचलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया व बाढ़ रिलीज चलाने मे गरीबों के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया गया है ।
बाढ़ पीड़ितों ने झोपड़ी पर डालने के लिए प्लास्टिक, चुड़ा-चना भी देने मे भेद भाव किया जा रहा है। आज के प्रदर्शन की एक मांग यह भी थी कि आरा सदर प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की भी मांग की गई। किसानों के लाखों हेक्टर खेतों मे लगी फसल बर्बाद बताया गया है इसलिए खेतों की लगान माफी व फसलों के नष्ट होने का मुआवजा सरकार दे।
*अंचल मुख्यालय पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि नीतीश सरकार बाढ राहत कार्य चलाने मे पुरी तरह विफल है, तथा जिला प्रशासन बाढ़ राहत कार्य मे भेद-भाव बरत रही है भाकपा माले नेता क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा की बाढ़ से घीरे, चाहे किसी भी जाति मजहब के लोग हो उन्हें बाढ़ राहत सामग्री अवश्य मिलनी चाहिए।
पशुपालकों आज काफी संकट में है पशुचारा भी पशुपालक को दी जाय। माले नेता ने अंचलाधिकारी के गरीब विरोधी रवैया की कड़ी आलोचना की करते हुए अंचलाधिकारी की गरीब और किसान विरोधी रवैइये कोबरदास्त नहीं किया जायेगा , गरीबों ने एक अदद प्लास्टिक सर छुपाने के लिए मांगा है अगर नहीं मिला तो तीखा संघर्ष होगा।
* प्रदर्शन मे सामिल हरिशंकर साह, विनोद चौधरी, गणेश राम, कपील मुनी पड़ीत, भूनेश्वर पड़ीत, जनार्दन गोंड, भीखारी पासवान, सोना मती देवी, बिन्दू देवी सहित कई अन्य लोग शामिल थे