(प्रेस विज्ञप्ति)
अधिवेशन की रिपोर्टिंग / आदरणीय रंगकर्मी मित्रों रंगनम।
सांस्कतिक नगरी वाराणसी, कासी की भूमि पर दिनांक11-12 सितंबर 2021 आल इंडिया थियेटर काउंसिल(ए आई टी सी) के इतिहास का एक स्वर्णिम दिन साबित हुआ। उत्तर प्रदेश काशी वाराणसी की धरती पर राजघाट संत रविदास धर्मशाला में ए आई टी सी का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सह सांस्कृतिक महोत्सव का सफल आयोजन आप सबों के सहयोग और भागीदारी से सफल हुआ।
आधे घंटे विलम्ब से सम्मेलन का उद्घाटन हमारे राष्ट्रीय संरक्षक श्री अवधेश कुमार सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मानव राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुन्दन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष द्वय अशोक मेहरा,मो निज़ाम वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा राष्ट्रीय सलाहकार, शिवलाल सागर सुरेन्द्र सागर की गरिमा मय उपस्थिति तथा ओनलाइन संरक्षक श्री राजेन्द्र बगाडिया एवं अजय मलकानी की सहमति से द्वीप प्रज्जविलत कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। सर्व प्रथम वंदना नृत्य, कुमारी नब्या वाराणसी(उ प्रदेश) ने प्रस्तुति दी तथा श्रुति चन्द्र धनबाद (झारखण्ड)का कत्थक नृत्य और ठुमरी नृत्य प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रीय संरक्षक श्री अवधेश कुमार सिंह ने सभी की ओर से संबोधित करते हुए कहा कि रंगमंच को तथा रंगकर्मीयों को बचाने के लिए कलाकारों को आगे आना होगा , और रंगमंच को मजबूत करना होगा।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए अशोक मानव ने कहा कि अपने चार साल के कार्य काल मे 4 राज्य से 16 राज्य तक विस्तार किया इसी में हम सभी का बहुमुल्य लगभग दो साल का समय कोरोना ने निगलने का काम किया फिर भी संगठन के अपने अथक प्रयास से यहां तक हमलोग ने अपने कामों को किया, आगे भी हमलोगों की लगभग 8 राज्य के सक्रिय रंगकर्मी मित्रों से लगातार बात चीत जारी है।
हमे उमीद ही नही पूरा विश्वास है कि आने वाले दो साल में पूरे भारत मे aitc का विधवत संगठन का गठन हो जाएगा । स्वागत भाषण उत्तर प्रदेश प्रभारी श्री अष्टभुजा मिश्रा जी ने किया, वार्षिक रिपोर्ट प्रतिवेदन राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुन्दन ने प्रस्तुत किया जो ए आई टी सी दर्पण स्मारिका में प्रकाशित है उन्होंने कहा ए आई टी सी को देश भर के कलाकार आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं हम उनकी आशा को टुटने नहीं देंगे हम जहां रंगमंच की के लिए कार्यक्रम कर रहे हैं वहीं कलाकारों के लिए आपदा राहत कोष का गठन कर उन्हें मदद का एक हथियार बना रहे हैं हम प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा से कलाकारों को जोड रहे हैं भावी कार्यक्रम की घोषणा हुई।
2अक्टूबर गांधी जयंती से सदस्यता अभियान ,27 मार्च विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर गुरूदक्षिणा अंश दान दिवस मनाया जायेगा इस दिन सभी रंगकर्मी कुछ न कुछ अपनी क्षमतानुसार आर्थिक दान करें
3 अप्रैल विश्व हिन्दी रंगमंच दिवस को कलाकार सहायता दिवस अर्थात इस दिन देश भर के जरूरत मंद पांच कलाकारों को आर्थिक मदद पहुंचाई जायेगी। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों से कलाकारों के सहयोग के लिए कौर्पसमनी कोष की मांग की जायेगी जिससे जरूरत मंद कलाकारों को मदद पहुंचाई जा सके, विभिन्न राज्यों में संगीत नाटक अकादमी का गठन तथा पाठ्यक्रम में नाटक को सामिल करना तथा नाटक के शिक्षक बहाली करने हेतु आंदोलन करना…..
आदि। राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मानव ने संगठन विस्तार के लिए राज्य प्रभारी की घोषणा की जिसमें असम से अनुरूपा डेका राजा के साथ न्यूटन हजारिका,जय प्रकाश सोनारी, मणिपुर से दिवाकर सिंह, उड़िसा से राजगोपाल पाढ़ी तथा रामचंद्र शासमल, बिहार से मो जिलानी, दिल्ली विरल आर्य , हिमाचल से रामपाल मल्लिक , उत्तराखंड से धनंजय कुकरैति , गुजरात से योगेश मेहता, राजस्थान से चंद्रदीप हांडा एवं अशोक शर्मा, पंजाब पटियाला से प्रमिन्दर कौर,केरल से शंकर महानंद, त्रिपुरा से किंकर नारायण दत्ता, बंगाल से अनिमेष देव रौय एवं जौय मुखर्जी तेलंगाना से सुरभि जयवर्धने तथा तीन नए पदाधिकारी का चयन किया गया।
जिसमें उपाध्यक्ष में वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा, सचिव से राजेन्द्र प्रसाद, संगठन सचिव प्रवीर जेना। अधिवेशन शुरू होने से पहले राष्ट्रीय समिति की बैठक हुई जिसमें कई निर्णय लिया गया तथ संविधान संशोधन कर उपाध्यक्ष के दो पद बढ़ाया गया तथा संगठन विस्तार तक ईस पद को रिक्त रखा गया।मंच का संचालन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुनील दत्त विश्वकर्मा जी ने किया तथा वार्षिक आय ब्यय प्रस्तुत किया।, ए आई टी सी के वरिष्ठ रंगकर्मी स्व बी के लाल स्मृति सम्मान से देश-भर के दश रंगकर्मी को सम्मानित किया गया जिसमें हिमाचल से ठाकुर केहर सिंह उत्तर प्रदेश से मूल चंद्र विश्वकर्मा झारखंड से अनिता लाल प्रो प्रमोद कुमार मिश्र यू पी,व.हरियाणा उमेश सरोज…
दुसरे दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मानव के साथ अध्यक्षीय मंडल में मंच पर युवाओं और महिलाओं को आशन पर बैठाया गया जिसमे जमशेदपुर(झारखंड)छ्वी दास,जयपुर(राजस्थान) आर्शिया परवीन,वाराणसी (उ प्रदेश) ज्योति नव्या, धनबाद (झारखण्ड)सरसी चंद्रा,नहान (हिमाचल) राजित सिंह कंवर, देहली से सुनील चौहान मंचदुतम के कलाकारों द्वारा गीत संगीत से शुरूआत हुई तथा ए आई टी सी के द्वारा बनाई गई गीत प्रस्तुत किया गया। सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने बारी बारी से अपने विचार व्यक्त किए जिसमें राजस्थान से अशोक शर्मा राजू ताम्रकार अर्शिया ,उत्तराखंड से धनंजय कुकरैति गुजरात से योगेश मेहता, दिल्ली से सुरेन्द्र सागर, सुनील चौहान अशोक मेहरा,नोएडा देहली से प्रमोद शर्मा, हिमाचल से रामपाल मल्लिक एवं राजित सिंह कंवर बिहार से मो जिलानी संजय कुमार,असम से न्यूटन हजारिका जय प्रकाश सोनारी, उत्तर प्रदेश से अजय रौशन, उड़िसा से प्रविर जेना एवं रामचंद्र शासमल तथा राजगोपाल पाढ़ी झारखंड से छवि दास तथा मुकेश कुमार सिन्हा,झारखंड धनबाद से राजेन्दर प्रसाद, वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा आरा (बिहार) से ओ पी पांडेय और आरा रंगमंच,आरा के मनोज श्रीवास्तव आदि।
इस बीच ए आई टी सी के स्थापना काल से जुड़े साथी कतिपय कारणों से अलग हो गए थे आज सहर्ष पुनः ए आई टी सी में शामिल हुए श्री अभय कुमार और संजय कुमार बरियारपुर (बिहार) का गर्म जोशी से स्वागत किया गया। मुकेश कुमार सिन्हा ने भावनात्मक गीत प्रस्तुत किया अंत में हम होंगे कामयाब एक दिन we shall overcome some day सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से गाया गया ,तथा अंत में स्व बी के लाल जी को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। धन्यवाद ज्ञापन अजय रौशन वाराणसी(उ प्रदेश) ने किया।
सतीश कुन्दन राष्ट्रीय महासचिव औल ईण्डिया थियेटर काउंसिल