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Covid-19 ) अधिवक्ताओं के संगठन मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ई मेल/टिवटर/इंस्टाग्राम/फेशबुक के माध्यम से ट्वीट कर दिया सन्देश।

माननीय प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी जी,भारत
सरकार,नई दिल्ली
विषयः- अधिवक्ताओं को भी  अधिवक्ता कल्याण योजना बनाकर कोविड -19 महामारी से मृत अधिवक्ताओं के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड प्रदान करने के संदर्भ में।।
मान्यवर,
        आपको विदित है कि इस कोरोना वायरस में यदि कोई सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग है तो वह अधिवक्ता समाज है। हमारे समाज के लगभग हजारों सदस्य काल के गाल में समा गए एवं न्यायालय बंद होने के कारण हमारे समाज में लगभग 75 % अधिवक्तागण आर्थिक रूप से काफी क्षीण हो गए है !  न्यायालय बंद होने के कारण हम सभी तमाम अधिवक्ताओं का क्या होगा,जो”रोज कमायें रोज खायें”के हालत पर रहते है,
महोदय उन तहसिल,जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं का क्या होगा जो धुप ,बरसात में छ्तरी लगाकर जैसे तैसे अपने परिवार का भोजन चलाते है..अभी वे रोड पर आ गए है।समाज के हर वर्ग की लड़ाई लड़ने वाला समाज आज इलाज तो छोड़िये आज भूख से पीड़ित हो गया है…इलाज से वंचित,अस्पतालों में दर्द से भटकते न्याय के सिपाहियों की दर्दनाक मौत की तस्वीरों बहुत मर्माहत करने वाली है। महोदय क्या हम सामाजिक सरोकार, मानव अधिकारों से अलग हैै…क्या अधिवक्ता होना अभिषाप हैं?
           भारत के संविधान का मूल उद्देश्य भारत के लोगों को शांति और भरपूर जीवन प्रदान करना है एवं सरकार का कर्तव्य है कि हरेक नागरिक को समाजिक सुरक्षा एवं जीविका उपलब्ध कराए,,लेकिन अफसोस की बात है कि हमारी सरकारें मानवता एवं सहायता सभी वर्गों के साथ दिखा रही है, परन्तु इस मुसीबत की घड़ी अधिवक्ता वर्ग को बिल्कुल ही अकेला भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।। वर्ल्ड ज्यूरिस एसोसिएशन नामक संस्था की रिपोर्ट भी बता रही है कि संक्रमणग्रस्त देशों में अदालतें बंद होने से वकीलों की आजीविका पर संकट आ गया है, सरकारों को राहत राशि उपलब्ध करवानी चाहिए। अधिवक्ता वर्ग न्याप्रणाली के एक अभिन्न अंग है,,दुनिया को ज्यादा न्यायप्रिय बनाने में अधिवक्ताओं की भूमिका अग्रणी रही है,,इसलिए आपसे से मेरी गुजारिश है कि इस महामारी के समय वकीलों को आर्थिक सहायता प्रदान करें।
 इस महामारी ने हजारों विद्वान अधिवक्ता को अपने आगोश में ले लिया है।
                लोकतंत्र के एक मजबूत स्तम्भ न्यायपालिका के अभिन्न अंग अधिक्ताओं के बिना न्याय पाना असंभव है।अधिवक्ता आजादी से लेकर अब तक देश निर्माण में अपना योगदान देकर सर्वस्व न्योछावर करते रहे हैं, बावजूद इसके आजादी के बाद किसी भी सरकार ने इनके हालातों का संज्ञान नहीं लिया है इनके हालात दिनों दिन बदतर हो रहे हैं अतः आप श्रीमान से प्रार्थना है कि केंद्रीय सरकार के कानून मंत्रालय के अधीन अधिवक्तओं के लिए अधिवक्ता कल्याण योजना बनाकर कोविड-19 महामारी से मृत अधिवक्ताओं के उनके परिजनों को 5 लाख रुपए के आर्थिक सहायता,,युवा एवं जरूरतमंद वकीलों और उनके परिवारों वो सहयोगियों को 10,000(दस हजार ) रूपये महीना एवं मृत अधिवक्ता परिवार के जीवकोपार्नन के लिए एक सरकारी नौकरी और इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड प्रदान करने का कृपा की जाए।।
               आपके इस उपकार के लिए संपूर्ण अधिवक्ता समाज आपका ऋणी रहेगा।
भवदीय
नीतिश कुमार सिंह
अधिवक्ता सह संगठन मंत्री,शाहाबाद प्रमंडल
बिहार युवा अधिवक्ता
कल्याण समिति,पटना,बिहार
09934224104
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वर्तमान लाँकडाउन में युवा ,आर्थिक रूप से कमजोर ,बुजुर्ग अधिवक्ताओं को उनके जीविकोपार्जन की गम्भीर समस्या पैदा हो गई है ,इस संकट की घड़ी में उनकी सहायता के लिए बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति शाहाबाद प्रमंडल के संगठन मंत्री नीतिश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी,केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ई मेल/टिवटर/इंस्टाग्राम/फेशबुक के माध्यम से अधिवक्ताओं को भी  अधिवक्ता कल्याण योजना बनाकर कोविड -19 महामारी से मृत अधिवक्ताओं के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड प्रदान करने ,,जरूरतमंद अधिवक्ताओं और उनके परिवारों को 10 हजार रूपये  महीना मात्र,मृत अधिवक्ता परिवार के जोवकोपार्जन के लिए एक सरकारी नौकरी की माँग रखी ।।